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भोपाल कांड के 34 वर्ष बाद लिया सबक : पूर्वी सिंहभूम जिले में भी बनेगी डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर यूनिट

भोपाल गैस त्रासदी के 34 वर्षों के बाद पूर्वी सिंहभूम जिला ने सबक लिया है। यहां डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर यूनिट बनेगी। गैस लिकेज या केमिकल रिसाव होने पर यह यूनिट एक्शन में आएगी। झारखंड में पूर्वी सिंहभूम...

भोपाल कांड के 34 वर्ष बाद लिया सबक : पूर्वी सिंहभूम जिले में भी बनेगी डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर यूनिट
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरSun, 27 May 2018 05:03 PM
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भोपाल गैस त्रासदी के 34 वर्षों के बाद पूर्वी सिंहभूम जिला ने सबक लिया है। यहां डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर यूनिट बनेगी। गैस लिकेज या केमिकल रिसाव होने पर यह यूनिट एक्शन में आएगी। झारखंड में पूर्वी सिंहभूम जिले की पहचान औद्योगिक नगरी के रूप में है।

यहां 20 बड़ी कंपनियों के अलावा दो दर्जन से ज्यादा छोटी कंपनियां भी हैं। इनमें से अधिकतर कंपनियों में केमिकल स्टोरेज या ज्वलनशील गैस का इस्तेमाल उत्पादन कार्यों में होता है। किसी भी तरह का रिसाव या विस्फोट होने की स्थिति में कमेटी हरकत में आएगी। भोपाल गैस कांड के बाद पूर्वी सिंहभूम जिले में भी डिजास्टर कमेटी बनी जरूर थी, लेकिन इसका नियमित उपयोग और बैठक नहीं होने से शिथिल हो गई। कंपनियों में बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन और कारखाना निरीक्षक की पहल पर एक बार फिर से इसे सक्रिय करने की तैयारी हो रही है, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना पर डिजास्टर यूनिट को तत्काल सक्रिय कर होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

भोपाल गैस कांड से सबक : 3 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस कांड हुआ था। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी में जहरीली गैस मिथाइल आइसो साइनाइट गैस के रिसाव से 15 हजार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो लाख से ज्यादा आबादी शारीरिक अपंगता सहित कई गंभीर बिमारियों का शिकार हुई थी।

17 अधिकारियों की होगी कमेटी : 17 सदस्यों वाली डिजास्टर कमेटी में जिले के वरीय अधिकारियों के अलावा निजी कंपनियों के विशेषज्ञ होंगे। कमेटी के चेयरमैन उपायुक्त होंगे। वहीं, कमेटी में कारखाना निरीक्षक, फायर बिग्रेड चीफ, जिला सूचना पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, सिविल डिफेंस चीफ, पब्लिक हेल्थ के सदस्य, एक्सप्लोसिव ऑफ कंट्रोलर, जिला परिवहन पदाधिकारी, इंडस्ट्री सेफ्टी एंड हेल्थ के अधिकारी, सिविल सर्जन, ट्रेड यूनियन सहित चार कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

जल्द होगी मॉक ड्रिल : शहर में जल्द ही एक मॉक ड्रिल होने वाली है। इसमें गैस रिसाव की सूचना आने के बाद संभावित घायलों को दुर्घटनास्थल से निकालने, सिविल सर्जन द्वारा एम्बुलेंस व अस्पताल में बेड आरक्षित रखने, जिला सूचना पदाधिकारी द्वारा सभी को सूचना देने, जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा क्षेत्र में गाड़ियों की आवाजाही रोकने व आरक्षी अधीक्षक द्वारा क्षेत्र को सील करने किया जाएगा।

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