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श्रीरामलू के जीवन संघर्ष से सीख लें युवा

पोट्टी श्रीरामलू संघर्ष और आंदोलन के अद्वितीय उदाहरण हैं। जिनके 48 दिवसीय अनशन में मौत के बाद आंध्र प्रदेश अलग राज्य बन...

श्रीरामलू के जीवन संघर्ष से सीख लें युवा
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरThu, 01 Nov 2018 05:53 PM
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पोट्टी श्रीरामलू संघर्ष और आंदोलन के अद्वितीय उदाहरण हैं। जिनके 48 दिवसीय अनशन में मौत के बाद आंध्र प्रदेश अलग राज्य बन सका।

1956 में तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आंध्र प्रदेश को तमिलनाडु से अलग कर दिया।यह बातें टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद ने गुरुवार को एडीएल सोसाइटी के कदमा भवन में आंध्र दिवस समारोह में कहीं। सोसाइटी के ट्रस्टी एम. भास्कर राव ने श्रीरामलू के जीवन संघर्ष से सीख लेने का आह्वान किया।

हिंदी और तेलुगु गीतों पर नृत्य : पोट्टी श्रीरामलू के चित्र पर आर. रवि प्रसाद एवं भास्कर राव ने माल्यार्पण किया। अतिथियों के साथ सोसाइटी के उपाध्यक्ष पी. सत्या राव, महासचिव मज्जी रवि कुमार, संयुक्त सचिव के. रवि नायडु एवं वाई. नागेश ने श्रीरामलू को नमन किया। एडीएल सोसाइटी कदमा परिसर में काकिनाड़ा आंध्र प्रदेश के ‘गणेश आर्केस्ट्रा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया। गणेश एवं मारिया ने तेलुगु गीतों पर सदस्यों को झुमाया। टाटा के कलाकारों ने हिन्दी फिल्मी गीत और नवभावन नृत्य से दिल जीता।

श्रीरामलू के आदर्श को अपनाएं : आंध्र भक्त श्रीराम मंदिरम बिष्टूपुर में आंध्र प्रदेश के महानायक पोट्टी श्रीरामलू के चित्र पर श्रद्धासुमन और दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी गई। अध्यक्ष सीएच शंकर राव ने कहा कि श्रीरामलू के आदर्शों को अपनाने की जरूरत है। पुरोहित कोंडमाचारी, केश्वाचारी, संतोष एवं शेषाद्री ने मंत्रोच्चारण किया। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सीएच शंकर राव, पीएल राव, टी. श्यामल राव, मनमद राव, भास्कर राव आदि ने श्रद्धांजलि दी।

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