
औद्योगिक संबंधों में टाटा स्टील एक मिसाल : जी संजीवा रेड्डी
संक्षेप: इंडियन नेशनल स्टील फेडरेशन की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन टाटा स्टील के सीईओ टीवी नरेंद्रन की उपस्थिति में वेबसाइट लॉन्च की गई। जी संजीवा रेड्डी ने ट्रेड यूनियन की बदलती भूमिका और मजदूरों की जागरूकता...
इंडियन नेशनल स्टील, मेटल, मेटल माइंस एंड इंजीनियरिंग इंप्लाइज फेडरेशन की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अंतिम दिन मंगलवार को वेबसाइट लॉन्च की गई। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में टाटा स्टील के सीईओ सह प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन शामिल हुए। समारोह संबोधित करते हुए फेडरेशन एवं इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी ने कहा कि वर्तमान समय में ट्रेड यूनियन की भूमिका बदल रही है। अब मजदूर और मालिक एक-दूसरे को दुश्मन की तरह नहीं देखते, बल्कि साझेदार की तरह मान रहे हैं। प्रबंधन को यूनियन और यूनियन को प्रबंधन की समस्याओं को समझना होगा, तभी उद्योग जीवित रहेंगे।

मजदूरों को खुद को अपग्रेड करना होगा, स्किल सीखकर मजबूत होना होगा, मार्केटिंग को समझना होगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन और यूनियन के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों में टाटा स्टील एक मिसाल है। मजदूर भी अब जागरूक हो रहे हैं। वे भी चाहते हैं कि इतना वेतन हो, जिससे वे इज्जतदार की तरह जीवन यापन कर सकें। टाटा स्टील के ग्लोबल एमडी टीवी नरेन्द्रन ने कहा कि हमारी यूनियन के साथ भी कई मुद्दों पर असहमति होती है। लेकिन हमलोग बातचीत के जरिए हल निकालते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी होगी तो जॉब सिक्योरिटी होगी। बहुत कम कंपनियां हैं, जो सौ साल से ज्यादा पुरानी हैं। यहां तक स्टील इंडस्ट्री में देखिए तो 30-40 साल में कितनी कंपनी शुरू हुई और बाद में बंद हो गई। टाटा स्टील भी कई कंपनियों को टेकओवर कर आगे बढ़ी है। हमलोगों ने भूषण स्टील लिया, नीलाचल इस्पात को टेकओवर किया। हमने प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर दोनों तरह की कंपनियों को टेकओवर किया। इन कंपनियों के कर्मचारी आज टाटा स्टील के कर्मचारी हैं। कोई भी नहीं चाहता है कि कंपनी बंद हो जाए। लोग भी चाहते हैं कि कंपनी रहेगी तो वे भी होंगे। हमें लॉन्ग टर्म में भी सोचना होगा कि कैसे कंपनी के अस्तित्व को बचाकर रखें। इसलिए आज टाटा स्टील ने 118 साल का सफर पूरा किया है। देश-विदेश में बहुत कम कंपनियां हैं, जो 118 साल पुरानी हैं। नरेन्द्रन ने कहा कि तीन-चार मुद्दे हैं, जो स्टील इंडस्ट्री और उनके कर्मचारियों पर असर डाल रहे हैं। इसके बारे में कर्मचारियों को भी जानना जरूरी है कि कैसे बाहर हो रहे बदलाव का असर उनपर भी हो रहा है। इसमें चीन सबसे बड़ा चैलेंज है। इसके अलावा भू राजनैतिक स्थिति, टेक्नोलॉजी एवं क्लाइमेट चेंज। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे ये परिस्थितियां चुनौती बनी हुई हैं। समारोह की अध्यक्षता रघुनाथ पांडेय, संचालन शाहनवाज आलम तथा धन्यवाद ज्ञापन संजीव चौधरी ने दिया। इंटक के महासचिव संजय सिंह ने भी संबोधित किया।

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