मकान मालिकों ने बनाया बिजली बिल को कमाई का जरिया
मकान मालिकों ने बिजली बिल को कमाई का जरिया बना लिया है। बिजली बिल की नई दरें लागू होने के बाद से मकान मालिक अपने किरायेदारों से छह रुपये प्रति यूनिट तक वसूल रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा तय दर सब्सिडी...
मकान मालिकों ने बिजली बिल को कमाई का जरिया बना लिया है। बिजली बिल की नई दरें लागू होने के बाद से मकान मालिक अपने किरायेदारों से छह रुपये प्रति यूनिट तक वसूल रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा तय दर सब्सिडी के साथ तीन रुपये प्रति यूनिट से शुरू होती है।
ऐसे कर रहे अवैध कमाई : बिजली विभाग के नियमों के मुताबिक, हर स्लैब के हिसाब से अलग-अलग यूनिट चार्ज है। मकान मालिक पूरी यूनिट जोड़कर पांच से छह रुपये के हिसाब से बिल वसूलकर कमाई कर रहे हैं। यदि 140 यूनिट रीडिंग है तो 200 यूनिट तक के लिए तीन रुपये ही भुगतान करना है। ऐसे में 200 यूनिट से कम खपत पर तीन रुपये के हिसाब से बिल लेना चाहिए। लेकिन मकान मालिक सभी 140 यूनिट को पांच से छह रुपये से गुना कर बिल से कमाई कर रहे हैं। इसमें वैसे उपभोक्ताओं को भी ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं, जिन्होंने सबसे कम बिजली की खपत की है। बिजली दर बढ़ने के बाद बाजार में मीटर से अधिक सब मीटर बिक रहे हैं। बिष्टूपुर दुकानदार रमेश पोद्दार की मानें तो महीने में 20-25 मीटर बिकते हैं तो सौ से अधिक सब मीटर की बिक्री होती है।
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मकान मालिक जो मीटर लगाते हैं, उसमें जो बिल आता है वो उनसे वसूला जाता है। विभाग द्वारा मीटर और खपत पर ही बिल भेजा जाता है। किरायेदार चाहें तो मकान मालिक से समझौता कर अलग से मीटर लगा सकते हैं।
- सुंधाशु, अधीक्षण अभियंता, जमशेदपुर, झारखंड बिजली वितरण निगम