केयू : घंटी आधारित शिक्षकों से चल रही क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई
कोल्हान विश्वविद्यालय के कॉलेजों में क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति अबतक नहीं हुई है। कॉलेजों में इन भाषाओं की पढ़ाई भी घंटी आधारित शिक्षकों के सहारे ही चल रही है। केयू के कॉलेजों में हो,...
कोल्हान विश्वविद्यालय के कॉलेजों में क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति अबतक नहीं हुई है। कॉलेजों में इन भाषाओं की पढ़ाई भी घंटी आधारित शिक्षकों के सहारे ही चल रही है। केयू के कॉलेजों में हो, संथाली, आदिवासी आदि क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई होती है, वहीं कॉलेजों में इन विषयों में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या भी बहुत है। लेकिन इन विषयों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। ऐसे में शिक्षकों के अभाव में विद्यार्थियों को क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई करने में परेशानी हो रही है। कोल्हान विवि के प्रवक्ता डॉ. एके झा ने बताया कि हो, संथाली और आदिवासी जैसी क्षेत्रीय भाषा की कक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए लगभग 40 से अधिक शिक्षकों की अभी आवश्यकता है। विश्वविद्यालय ने इन विषयों के लिए स्वीकृत पद सृजित करने के लिए मानव संसाधन विभाग को प्रस्ताव भेजा है। फिल्हाल विश्वविद्यालय एचआरडी द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का इंतजार कर रहा है।