खरकई व स्वर्णरेखा उफनाईं, बागबेड़ा-जुगसलाई में घुसा पानी
खरकई व स्वर्णरेखा नदियों का जलस्तर बढ़ने से जुगसलाई और बागबेड़ा की कई बस्तियां जलमग्न हो गई हैं। यहां के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया...
खरकई व स्वर्णरेखा नदियों का जलस्तर बढ़ने से जुगसलाई और बागबेड़ा की कई बस्तियां जलमग्न हो गई हैं। यहां के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है।
ओडिशा के ब्यांगबिल डैम में तेज बारिश से पानी खतरे के निशान तक पहुंच गया है। डैम का फाटक लगातार खुले रहने से खरकई व स्वर्णरेखा का जलस्तर अचानक बढ़ा है। स्वर्णरेखा परियोजना के मुख्य अभियंता वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ा जरूर है, लेकिन सोमवार शाम चार बजे तक सर्वे के अनुसार पानी खतरे के निशान से बहुत नीचे है। उन्होंने कहा कि ब्यांगबिल डैम बगैर किसी सूचना के 13 अगस्त से पानी छोड़ रहा है। डैम में पानी खतरे के निशान 305 के करीब पहुंच गया है। इससे 14 अगस्त से खरकई समेत स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लेकिन परियोजना के कर्मचारी नजर रखे हुए हैं।
डेढ़ सौ घर जलमग्न : खरकई का जलस्तर बढ़ने से तेजाब नाला के रास्ते बारिश का पानी बागबेड़ा नया बस्ती और जुगसलाई के शिव घाट इलाके में घुस गया है। इससे डेढ़ सौ घरों में पानी घुस गया है। दर्जनों लोगों ने बच्चों के साथ बाबाकुटी स्कूल व अन्य जगह पर शरण ली है। पीड़ित श्रीकांत के अनुसार, रात की परेशानी को देखते हुए अभी से घर खाली कर दिया है क्योंकि पानी बढ़ रहा है।
जल संसाधन विभाग की लापरवाही : किशोर
बागबेड़ा के जिला परिषद सदस्य किशोर यादव ने कहा कि जल संसाधन विभाग की लापरवाही से निचले इलाकों में 50-60 घरों में बाढ़ का पानी घुसा है। विभाग के कर्मचारियों ने तीन दिनों से लगातार बारिश के बावजूद बड़ौदा घाट स्थित स्लुइस गेट का फाटक बंद नहीं किया।
जुगसलाई में राहत शिविर नहीं: खरकई नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लेकिन नगर परिषद के पदाधिकारी घर डूबने का इंतजार कर रहे हैं। इससे गरीब नवाज कॉलोनी एवं महाकालेश्वर घाट के आसपास अभी तक राहत शिविर नहीं बना है।