ई-कचरा निपटाने को साकची में मैनेजमेंट सेंटर बनाएगी जुस्को
शहर में इलेक्ट्रॉनिक कचरा (ई-वेस्ट) बढ़ रहा है। इस ई-वेस्ट के संग्रहण के लिए शहर में नागरिक सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी जुस्को की ओर से ई-वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर की स्थापना बिरूपा रोड साकची में किया...
शहर में इलेक्ट्रॉनिक कचरा (ई-वेस्ट) बढ़ रहा है। इस ई-वेस्ट के संग्रहण के लिए शहर में नागरिक सुविधा मुहैया कराने वाली कंपनी जुस्को की ओर से ई-वेस्ट मैनेजमेंट सेंटर की स्थापना बिरूपा रोड साकची में किया गया है, जिसका उद्घाटन पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर उपायुक्त अमित कुमार तथा टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (कारपोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी करेंगे। इसी दिन जुस्को के प्रबंध निदेशक तरुण डागा सोनारी एयरपोर्ट के बगल में स्थित खूंटाडीह में 400 नीम पेड़ लगाने के अभियान की शुरुआत करेंगे। साथ ही नीलडीह में ट्री बैंक की शुरुआत की जाएगी। मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में डीएफओ अभिषेक भी उपस्थित रहेंगे। जुस्को की ओर से हाल ही में कराए गए सर्वे में जानकारी मिली कि कुल कचरे का औसतन दो फीसद ई-वेस्ट होता है, जबकि 12-15 फीसदी प्लास्टिक है। शहर में हर दिन औसतन 140 से 160 टन तक कचरा निकलता है जिसे को-आपरेटिव कालेज के बगल में डंप किया जाता है। कंपनी प्रतिनिधियों की रिसर्च का डाटा को आधार माना जाए तो कुल कचरे का दो फीसदी यानि 3.2 टन कचरा ई-वेस्ट है। वहीं 12-15 फीसदी प्लास्टिक निकलता है, जिसका निपटान वैज्ञानिक पद्धति से नहीं हो पा रहा है। विश्व स्तर पर प्रति व्यक्ति औसतन छह किग्रा प्रतिदिन ई-वेस्ट पैदा होता है। विश्व में भारत ई-वेस्ट जनरेट में दूसरे स्थान पर है। प्लांट में कैसे वैज्ञानिक पद्धति से उसका निपटान होगा इस बारे में भी बताया जाएगा।