नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियमित करे सरकार : संघ
झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर कांट्रैक्टच्युल एसोसिएशन की बैठक में डॉ. एसके झा ने राज्य के विश्वविद्यालयों में नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर के नियमितीकरण की मांग की। वर्तमान में 4317 स्वीकृत पदों में 65%...

झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर कांट्रैक्टच्युल एसोसिएशन (जेएपीसीए) ने ऑनलाइन बैठक की। इसमें संघ के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. एसके झा ने कहा कि राज्य अधीनस्थ विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर का सरकार द्वारा शीघ्र नियमितीकरण किया जाना चाहिए। राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था शिक्षकों की कमी से जुझ रही है। कुल 4317 स्वीकृत पद में 65% (2808) रिक्त हैं। अगस्त 2023 में मात्र 2404 पदों के लिए जेपीएससी में अधियाचना भेजी गई है। विडंबना यह है कि झारखंड के विभिन विश्वविद्यालयों में जिन 700 पदों पर विगत सात वर्षों से नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं, उन पदों की भी अधियाचना भेज दी गई है। केंद्रीय सचिव डॉ. ब्रह्मानंद साहू ने कहा कि नैक ग्रेडिंग के लिए 75 प्रतिशत नियमित शिक्षकों का होना अनिवार्य है। ऐसे में उनका नियमितीकरण कर शिक्षकों की कमी दूर की जा सकती है। कोषाध्यक्ष डॉ. सुमंत कुमार ने कहा कि राज्य में 1978, 1980 तथा 1982 में सिर्फ 18 महीने तथा 24 महीने कार्य करने पर अस्थाई शिक्षकों का नियमितीकरण किया गया था। वर्तमान में ऐसे शिक्षक सात वर्ष से कार्य कर रहे हैं। बैठक में झारखंड से करीब दो सौ शिक्षकों ने भाग लिया और सरकार से नियमितीकरण की मांग की।
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