Hindi NewsJharkhand NewsJamshedpur NewsInnovative Rubber Pad by IIT Alumnus Enhances Train Speed and Freight Capacity

ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने में मदद करेगा जमशेदपुर के इंजीनियर दिव्यांशु का रबर पैड

जमशेदपुर के इंजीनियर दिव्यांशु सिन्हा ने ऐसा रबर पैड बनाया है जो ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने में मदद करेगा। यह पैड मालगाड़ियों की गति को 60 किमी/घंटा से 125-130 किमी/घंटा तक बढ़ा सकता है। इसका उत्पादन मेक...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरWed, 22 Jan 2025 05:43 PM
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जमशेदपुर, प्रतीक कुमार ट्रेनों की स्पीड कम होने के कारण लेटलटीफी की शिकायत झेलने वाले रेलवे को जमशेदपुर के इंजीनियर ने बड़ी राहत दिलाई है। आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिन्हा ने ऐसा रबर पैड बनाया है, जो ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने में कारगर होगा। मूल रूप से बिहार के छपरा के निवासी दिव्यांशु आदित्यपुर में अपना स्टार्टअप चला रहे हैं।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और रबर टेक्नोलॉजी में एमटेक करने वाले दिव्यांशु के इस रबर पैड का सफल ट्रायल किया जा चुका है। जल्द ही मेक इन इंडिया के तहत इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू होगा। दिव्यांशु बताते हैं कि मालगाड़ियों को तेज गति से चलाने और अधिक माल ढुलाई के लिए डीएफसी (डेडिकेटेड फ़्रेट कॉरिडोर) बनाए जा रहे हैं। इस रेल लाइन को विशेष रूप से सिर्फ मालगाड़ियों के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां औसतन 125 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें चलेंगी। अभी मालगाड़ियों की औसत गति करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटे है। गति बढ़ाने पर इनमें कंपन बढ़ जा रही थी, जिससे आग लगने और पलटने का खतरा था। कंपन को कम करने के लिए आरडीएसओ लखनऊ के संयुक्त प्रयास से एक रबर पैड (एलास्टोमेरिक) तैयार किया है, जो रेल पहिया और उसकी बियरिंग के बीच में लगाया जाता है। यह तेज चलने के बावजूद रेलगाड़ियों के कंपन को कम कर देता है। इसे देश में कई जगहों पर विभिन्न मालगाड़ियों की वैगन में लगाया गया है, जो काफी सफलता से काम कर रहा है। पहले डिजाइन-ए रबर पैड लगाया जाता था, जो सही से काम नहीं कर रहा था। हाई स्पीड के लिए तैयार रबर पैड को डिजाइन बी कहा जाता है।

दो से तीन गुना बढ़ जाएगी माल ढुलाई

दिव्यांशु ने बताया कि रबर पैड से गाड़ियों की गति बढ़ेगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां पटरी पर चल सकेंगी और मालगाड़ियों का फेरा एक से बढ़कर दो या तीन हो जाएगा। इससे माल ढुलाई दो से तीन गुना बढ़ जाएगी।

विदेशों में भी होगा निर्यात

अन्य देशों में भी इस रबर पैड को भेजने का प्रयास किया जा रहा है। भारत में तैयार रबर पैड को फिलहाल अफ्रीका भेजा जा रहा है। यूरोपीय देशों में भी ऐसा पैड नहीं है, इसलिए इसे वहां भी भेजा जाएगा। इस तरह के रबर पैड लखनऊ में भी दो जगहों पर तैयार किए जा रहे हैं।

70 वर्ष पहले ए डिजायन वाले रबर पैड पर मालगाड़ी चलती थी, लेकिन अब मेक इन इंडिया ने सबकुछ बदल दिया है। अब डिजाइन बी वाले रबर पैड उत्पादन से देश में माल ढुलाई तेजी से बढ़ेगी। हम रबर पैड दूसरे देशों को निर्यात भी कर सकेंगे।

- दिव्यांशु सिन्हा, इंजीनियर

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