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एमजीएम में ठंड से पीड़ित वृद्धा तीन घंटे तक लोहे के स्ट्रेचर पर पड़ी रहीं

शहर में पड़ रही कड़ाके की ठंड से हर कोई रजाई में दुबका है, पर कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में ठंड से पीड़ित मरीजों को बेड की बजाय लोहे की ठंडी कुर्सियों और स्ट्रेचर पर लिटाकर इलाज किया...

एमजीएम में ठंड से पीड़ित वृद्धा तीन घंटे तक लोहे के स्ट्रेचर पर पड़ी रहीं
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरThu, 09 Jan 2020 05:35 PM
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शहर में पड़ रही कड़ाके की ठंड से हर कोई रजाई में दुबका है, पर कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में ठंड से पीड़ित मरीजों को बेड की बजाय लोहे की ठंडी कुर्सियों और स्ट्रेचर पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है।

हद तो तब हो गई जब ठंड का इलाज कराने बुधवार दोपहर 12 बजे एमजीएम पहुंची शंकोसाई-5 नंबर, मानगो निवासी वृद्धा रतनी देवी (85) को भी बेड के अभाव में ठंडे लोहे के लोफ्लोर स्ट्रेचर पर लिटा दिया गया। स्ट्रेचर पर न तो चादर था, न ही वृद्धा को कोई कंबल दिया गया। वृद्धा को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसे ऑक्सीजन दिया जा रहा था। दूसरी तरफ ठंडे स्ट्रेचर से वह कंपकंपा रही थी। ठीक बगल में बैठा उसका बेटा विनोद चंद्र बेड उपलब्ध कराने के लिए डॉक्टरों व नर्स से मांग कर रहा था। तीन घंटे के बाद दोपहर करीब तीन बजे रतनी देवी को बेड नसीब हुआ।

65 वर्षीय टीबी मरीज पर भी नहीं आया तरस

एमजीएम में डॉक्टर्स रूम के बाहर कुर्सी पर राजनगर निवासी पुलकू महतो (65) का इलाज चल रहा था। उसे टीबी है और शुगर भी बढ़ा हुआ है। पुलकू को मंगलवार की शाम करीब 7.15 बजे एमजीएम में एडमिट कराया गया था, तब से बेड उपलब्ध नहीं कराया गया। ज्ञात हो कि टीबी बेहद संक्रामक बीमारी है।

चार दिन से कुर्सी पर लेट कर इलाज करा रही ममता देवी

इमरजेंसी वार्ड के डॉक्टर्स रूम के ठीक बाहर पड़ी कुर्सियों पर ठंड से पीड़ित परसूडीह निवासी ममता देवी का पिछले चार दिनों से लोहे की ठंडी कुर्सियों पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है। ममता देवी ने बताया कि उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। डाक्टरों ने कहा ठंड लगी है। पर चार दिनों से बेड, कंबल, चादर कुछ नहीं दिया गया। लोहे की कुर्सी पर लिटाकर ही इलाज किया जा रहा है।

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