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बड़े मामलों में जांच टीम के गठन तक ही सिमटी कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग में बड़े मामलों को लेकर गठित जांच टीम परिणाम तक नहीं पहुंचती है। हाल के तीन मामले में जांच टीम की कार्यशैली से यह पता चलता...

बड़े मामलों में जांच टीम के गठन तक ही सिमटी कार्रवाई
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 01 Nov 2022 03:00 AM
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स्वास्थ्य विभाग में बड़े मामलों को लेकर गठित जांच टीम परिणाम तक नहीं पहुंचती है। हाल के तीन मामले में जांच टीम की कार्यशैली से यह पता चलता है। तीनों मामलों में नर्स और डॉक्टर फंसे हैं। मामला इलाज में लापरवाही, फर्जी डॉक्टर बनकर इलाज करने आदि से जुड़ा है, जिससे आमलोग सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। दो मामले की जांच तीन माह से चल रही है, जबकि एक मामले की पुलिस और स्वास्थ्य विभाग दोनों के स्तर से जांच हो रही है। लेकिन तीनों मामले में अबतक जांच टीम परिणाम तक नहीं पहुंच पाई है। इस कारण दोषियों पर कार्रवाई भी नहीं हो रही है। सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल का कहना है कि मामला जांच में है, इस कारण वे किसी मामले में कुछ जानकारी नहीं दे सकते हैं।

इन मामले में अब तक कार्रवाई नहीं हुई

कली शर्मा प्रकरण

सदर अस्पताल की नर्स की लापरवाही से कीताडीह निवासी 16 वर्षीय शर्मा एक हाथ काटना पड़ा था। 21 जुलाई को पेट दर्द के बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां नर्स ने उसे इंजेक्शन लगाया। लेकिन जिस हाथ में इंजेक्शन लगाया गया था, वह कुछ देर बाद काम करना बंद कर दिया था। बाद में पता चला है कि गलत जगह इंजेक्शन देने के कारण हाथ में इंफेक्शन हो गया था और कोलकाता में हाथ काटकर किसी तरह उसकी जान बचाई गई। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की जांच की थी, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई।

12 फर्जी डॉक्टरों का मामला

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जमशेदपुर शाखा के पदाधिकारियों ने शहर के 12 फर्जी डॉक्टर (बिना वैध डिग्री) का पता लगाकर उनकी सूची स्वास्थ्य विभाग को सौंपी थी। डॉक्टरों के फर्जी होने का सबूत भी आईएमए ने दिया था। लेकिन अबतक किसी भी फर्जी डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं हुई। खुलेआम ये फर्जी चिकित्सक शहर के अलग-अलग इलाकों में प्रैक्टिस कर रहे हैं। इस मामले में बनी स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक जांच पूरी नहीं कर पाई है।

आंख निकालकर कांच की गोली लगाने का मामला

घाटशिला के कीताडीह निवासी गंगाधर सिंह के मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद कांच की गोली लगा दी गई थी। साकची के केसीसी आई अस्पताल पर यह आरोप है। मेडिकल बोर्ड जांच कर रिपोर्ट दे चुका है कि गंगाधर की आंख में सिंथेटिक मटेरियल की गोली लगाई गई थी। फिर भी अस्पताल पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अलावा साकची पुलिस भी जांच कर रही है और अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज है।

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