कोरोना को मात देने के लिए अब कोरोना मरीजों के समीप रहकर काम करने वाले कोरोना वॉरियर्स के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और एंटीबॉडी का अध्ययन कर कोरोना वैक्सीन बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की ओर से रिसर्च शुरू किया गया है। जिले में आईसीएमआर की टीम कोरोना वॉरियर्स के रक्त का नमूना ले रही है। सैंपल कलेक्शन के लिए पांच सदस्यीय टीम आई है। यह टीम दो दिनों से लोगों के रक्त का नमूना ले रही है। टीम में बतौर चेयरपर्सन भुवनेश्वर के डॉ. देवव्रत साहू व सदस्य के रूप में राज्य आरसीएच विभाग के सुधांशु, सूरज, ज्योति और पूजा शामिल हैं। पुलिस, पत्रकार, डॉक्टर व सफाईकर्मियों पर विशेष ध्यान : टीम ने बताया कि कोरोना के दौरान मरीजों के करीब रहकर काम करने वाले डॉक्टर, पुलिस, पत्रकार, सफाईकर्मी व सरकारी अधिकारियों पर रिसर्च केंद्रित है। इनका ब्लड सैंपल लेकर उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और एंटीबॉडी विकास पर अध्ययन कर पता लगाया जाएगा कि मरीजों के बेहद करीब रहकर काम करते हुए भी ये किन एंटीबॉडी की वहज से वायरस से प्रभावित नहीं हुए। इससे आईसीएमआर की ओर से वैक्सीन तैयार किया जाएगा। सामुदायिक प्रसार को भी जांच रही टीम : टीम सैंपल कलेक्शन करते हुए यह भी देख रही है कि जिले में कोरोना का सामुदायिक प्रसार (कम्युनिटी स्प्रेड) तो नहीं हुआ है। टीम की ओर से जिले से कुल पांच सौ सैंपल लेने का लक्ष्य रखा गया है। दो दिन में टीम 200 से अधिक सैंपल ले चुकी है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पीके बारला ने बताया कि आईसीएमआर की ओर से एंटीबॉडी डेवलपमेंट और कम्युनिटी स्प्रेड पर रिसर्च किया जा रहा है। इसके लिए जिले में विभिन्न जगहों से विभिन्न समुदायों के लोगों के रक्त नमूने लिये जा रहे हैं।
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