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कस्तूरबा के वेंडरों के 7.20 करोड़ दबाए बैठी है सरकार

राज्य सरकार के रवैये के कारण पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित नौ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और दो झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय में सामानों की आपूर्ति करने वाले वेंडर बदहाल हैं। 2018-19 और 2019-20...

कस्तूरबा के वेंडरों के 7.20 करोड़ दबाए बैठी है सरकार
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरWed, 12 Aug 2020 04:03 AM
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राज्य सरकार के रवैये के कारण पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित नौ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और दो झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय में सामानों की आपूर्ति करने वाले वेंडर बदहाल हैं। 2018-19 और 2019-20 का बकाया राज्य सरकार ने नहीं चुकाया है। बीते 9 माह से तो एक पैसा नहीं दिया है। इसकी वजह से 7 करोड़ 20 लाख रुपए का बकाया सरकार पर हो गया है।

इसके कारण जिनसे उधारी लेकर वेंडर स्कूलों को सामान दे रहे हैं, उनकी हालत पस्त हो गई है। खास तौर से सब्जी दुकानदार। परंतु इस सब के लिए सिर्फ राज्य सरकार दोषी बतायी जा रही है, क्योंकि वही अपना हिस्सा दो साल से नहीं दे रही है।

60-40 का अनुपात है केन्द्र व राज्य का

कस्तूरबा विद्यालयों के संचालन पर होने वाले खर्च का 60% केन्द्र और 40 फीसदी राज्य सरकार देती है। केन्द्र सरकार हमेशा पिछले साल की सारी देनदारी 31 मार्च तक चुकाती रही है। इस साल पहली बार कोरोना के कारण भुगतान में देर हुई। परंतु जुलाई में 60% केन्द्रांश आ चुका है। राज्य सरकार वह भी नहीं दे रही है।

शपथपत्र देकर फंसे हुए हैं

वेंडरों का कहना है कि उन्होंने यह काम दो पैसे कमाने के लिए लिया था। टेंडर में चयनित होने के बाद उनके साथ एग्रीमेंट हुआ। इसके तहत उन्होंने एक शपथपत्र दिया है कि किसी भी परिस्थिति में वे सामान देना बंद नहीं करेंगे। अगर ऐसा किया तो उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इस डर के मारे वे कर्ज या उधार लेकर भी आपूर्ति कर रहे हैं। परंतु इसकी भी एक सीमा है। वे हर किसी से अपना दुखरा रो चुके हैं। परंतु कोई मदद नहीं मिली है।

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