व्यवसायी बजरंग लाल भरतिया का अंतिम संस्कार
शहर के प्रमुख समाजसेवी और जुगसलाई के कपड़ा व्यवसायी बजरंग लाल भरतिया का अंतिम संस्कार शनिवार को शिव घाट में शाम 5 बजे कर दिया...
शहर के प्रमुख समाजसेवी और जुगसलाई के कपड़ा व्यवसायी बजरंग लाल भरतिया का अंतिम संस्कार शनिवार को शिव घाट में शाम 5 बजे कर दिया गया। उनके बेटे कमल भरतिया ने मुखाग्नी दी। अपनी कर्मभूमि शिवघाट में भरतिया राख में मिल गये। जीवनभर जिस घाट को संवारने में लगे रहे, वहीं नम आंखों से उन्हें विदाई दी गई। अंतिम संस्कार में मारवाड़ी समाज के मुख्य लोग उपस्थित थे। भरतिया 30 अगस्त से इसी शिवघाट से लापता हुए थे और नौवें दिन उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
इधर दोपहर 12 बजे मजिस्ट्रेट अनीता केरकेट्टा की मौजूदगी में वीडियो ग्राफी के बीच उनके शव का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया अपराह्न 3 बजे तक चली। उसके बाद ही शव को उनके चौक बाजार स्थित आवास पर ले जाया गया।
कई जगह चोटिल थी लाश
पानी और तट पर रहने के चलते बजरंग लाल भरतिया का चेहरा वीभत्स हो गया था। शव में जगह- जगह चोट भी था जो शव के बहने के दौरान पत्थर से टकराने से संभव है। शव से बदबू इतनी आ रही थी कि बार बार सेंट डाला जा रहा था। इस दौरान 65 बोतल सेंट डाले गए
नहीं खोला गया शव : शव शाम चार बजे उनके निवास स्थान चौक बाजार जुगसलाई पर पहुंचा। शव के पहुंचने के बाद उसे खोला नहीं गया क्यों कि चेहरा देखने लायक नहीं था। उसी में विधि की गई। घर वालों के क्रंदन के बजरंग बाबू अमर रहे जैसे नारे लग रहे थे।
लोगों की भीड़ उमड़ी, फूलों की हुई बारिश
उनके शव को फूलों से सजे एक पिकअप वैन में रखा गया था। लेकिन साथ चलने वाले पैदल चल रहे थे। अंतिम यात्रा चौक बाजार, राजस्थान सेवा सदन, एमई स्कूल रोड होते हुए शिव घाट पहुंची। उनकी अंतिम यात्रा में लगभग एक किलोमीटर की लम्बी कतार थी। लोग अपने घरों की छत से फूलों की बारिश कर उन्हें भावभिनी विदाई दे रहे थे। उनके इस अंतिम यात्रा के कारवां को देख कर उनके समाज में होने का महत्व पता चल रहा था। हर किसी का बस यही सवाल था कि अब उनकी तरह यह जिम्मेदारी कौन संभालेगा।