बनाए जा रहे हैं चार प्रकार के स्ट्रांग रूम
मतदान के बाद इवीएम को सुरक्षित रखने और किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए चार प्रकार के स्ट्रांग रूम बनाए जा रहे हैं। इन्हें कैटेगरी ए-बी, सी और डी में बांटा गया है। अलग-अलग स्ट्रांग रूम में चार...
मतदान के बाद इवीएम को सुरक्षित रखने और किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए चार प्रकार के स्ट्रांग रूम बनाए जा रहे हैं। इन्हें कैटेगरी ए-बी, सी और डी में बांटा गया है। अलग-अलग स्ट्रांग रूम में चार प्रकार की इवीएम और वीवीपैट रखी जाएंगीं। भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के आलोक में इन स्ट्रांग रूम का निर्माण जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।
कैटैगरी ए-बी स्ट्रांग रूम में वैसी इवीएम को रखा जाएगा जिसमें शुरू से अंत तक निर्बाध ढंग से मतदान हुआ हो। अर्थात पूरे समय उस इवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं हुई हो। इसी स्ट्रांग रूम में वैसी इवीएम को रखा जाएगा जो मतदान शुरू होने और कुछ वोट पड़ने के बाद खराब हो गई हो। कैटेगरी सी स्ट्रांग में उन इवीएम और वीवीपैट को रखा जाएगा जो मतदान शुरू होने के समय बिना वोट डाले खराब हो गई हों। जबकि डी कैटेगरी स्ट्रांग रूम में ऐसे रिजर्व इवीएम व वीवीपैट को रखा जाएगा जो सेक्टर मजिस्ट्रेट के पास थीं परंतु उनका इस्तेमाल नहीं हुआ।
निर्वाचन आयोग ने इसके संबंध में जिला प्रशासन को बहुत स्पष्ट आदेश दे दिया है कि हर हाल में इसका पालन करना है। दरअसल इनका स्पष्ट वर्गीकरण नहीं होने की स्थिति में प्रत्याशियों को आरोप लगाने का मौका मिल जाता है। इस प्रकार हर विधान सभा क्षेत्र के लिए तीन-तीन कमरों को स्ट्रांग रूम का रूप दिया जा रहा है। मतदान के बाद पहुंचने वाली इवीएम को उनकी प्रकृति के हिसाब से चिह्नित स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा।