जमशेदपुर इंडस्ट्रियल टाउन पर पूर्व उपायुक्तों की कमेटी बने : सरयू
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने मंगलवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से जमशेदपुर नगर निगम और औद्योगिक शहर बनाने के प्रस्ताव पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार पूर्वी...
जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने मंगलवार को मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से जमशेदपुर नगर निगम और औद्योगिक शहर बनाने के प्रस्ताव पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार पूर्वी सिंहभूम में रह चुके उपायुक्तों की एक कमेटी बनाकर रिपोर्ट तैयार कराए और उस रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम या औद्योगिक शहर बनाने का निर्णय ले, ताकि जनहित का ध्यान रखा जा सके और उन्हें संवैधानिक अधिकारी मिल सके।
उन्होंने कहा कि 2005 से अबतक जो भी घटनाएं हुई हैं, उसका विश्लेषण करना होगा। उस दौरान प्रस्ताव पारित कर दिया गया था कि नगर निगम का गठन हो गया है, जिसके खिलाफ टाटा स्टील हाईकोर्ट चली गई और जब हाईकोर्ट में केस हार गई तो सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी। वहीं, रघुवर दास जब मुख्यमंत्री बने तो टाटा स्टील से बात की कि टाटा स्टील मुकदमा वापस ले ले और लीज से बाहर की गई 86 बस्तियों को लीज में वापस ले। फिर लोगों को सबलीज के तौर पर दे। लेकिन लोगों को न तो सबलीज में जमीन मिली और न ही उन्हें मालिकाना हक दिया जा सका।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित टाटा स्टील और सामाजिक कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा के लंबित मामलों को जल्द खत्म कराएं। सरकार सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में हाजिर हो और जल्द फैसला करने की अपील करे। नहीं तो जमशेदपुर अनियमितताओं का शहर बन गया है और आने वाले दिनों में और भी समस्याएं बढ़ती जाएंगी। उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2005 में 86 बस्तियों को टाटा लीज से अलग कर सर्वे कराया गया। लाखों रुपये भी खर्च हुए, लेकिन उसका फायदा नहीं हुआ। बस्तियों को मालिकाना हक देने संबंधी निजी विधेयक 10 फरवरी 2006 को झारखंड विधानसभा में पेश किया गया, परंतु रघुवर दास, जो उस समय वित्त एवं नगर विकास मंत्री थे, उन्होंने इस विधेयक का समर्थन नहीं किया था।