स्कूली वाहनों की फिटनेस, बीमा, प्रदूषण की होगी जांच
परिवहन विभाग ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को गंभीरता दिखाई है। परिवहन विभाग अब स्कूली वाहनों के फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, बीमा और प्रदूषण की जांच...
परिवहन विभाग ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को गंभीरता दिखाई है। परिवहन विभाग अब स्कूली वाहनों के फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, बीमा और प्रदूषण की जांच करेगा। राज्य के संयुक्त परिवहन आयुक्त ने स्कूली वाहनों के प्रमाणपत्रों की वैधता की जांच के निर्देश पूर्वी सिंहभूम सहित राज्य के सभी डीटीओ और एमवीआई को दिये हैं।
विभाग को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रहीं थीं कि जिले में मानकों के विपरीत बिना फिटनेस वाले स्कूली वाहनों का परिचालन किया जा रहा है। इन वाहनों में मारुति वैन, टाटा मैजिक, ऑटो रिक्शा शामिल हैं। मारुति वैन, हालाकि इन वाहनों में अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा, लेकिन अधिांश स्कूली वाहनों का फिटनेस, बीमा व प्रदूषण फेल है। जो कि मोटरयान नियमावली का उल्लंघन है. ऐसे स्कूली वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जायेगी। अब ऐसे स्कूली वाहनों की फिटनेस व रजिस्ट्रेशन आदि की जांच का अभियान परिवहन विभाग की ओर से चलाया जायेगा और नियम विरुद्ध संचालित वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
स्कूली वाहन चलाने के लिए मापदंड
स्कूली वाहन के लिए वाहन का पंजीकरण अनिवार्य रूप से होना चाहिए। वाहनों की जांच की जाती है और बिना पंजीकरण के वाहन मिलते हैं तो उनका पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। इसी प्रकार स्कूली वाहन के लिए फिटनेस भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। अनफिट वाहनों का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है।
स्कूली वाहनों के लिए वाहन की क्षमता भी एक महत्वपूर्ण मानदंड है। वाहनों में क्षमता से अधिक छात्रों को ले जाने की मनाही है। इसका उल्लंघन करने पर ओवरलोडिंग में जुर्माने का प्रावधान है।
इसके अलवा स्कूली वाहनों के लिए बीमा भी अनिवार्य है। बिना बीमा वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का प्रावधान है।
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