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अगस्त्य मुनि के नाम पर तर्पण के साथ पितृपक्ष का महालया शुरू

भाद्र मास पूर्णिमा तिथि बुधवार को अगस्त्य मुनि के नाम पर तर्पण के साथ पितृपक्ष का महालया शुरू हुआ। पितृपक्ष का आगमन अमर अनंत धन और अखंड साम्राज्य योग में हुआ है। सनातन धर्मावलंबी आश्विन कृष्णपक्ष...

अगस्त्य मुनि के नाम पर तर्पण के साथ पितृपक्ष का महालया शुरू
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरThu, 07 Sep 2017 03:49 PM
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भाद्र मास पूर्णिमा तिथि बुधवार को अगस्त्य मुनि के नाम पर तर्पण के साथ पितृपक्ष का महालया शुरू हुआ। पितृपक्ष का आगमन अमर अनंत धन और अखंड साम्राज्य योग में हुआ है। सनातन धर्मावलंबी आश्विन कृष्णपक्ष प्रतिपदा से अमावस्या तक पितरों के श्राद्ध की परंपरा निभाएंगे। सुबह 11 बजे तक तर्पण : ज्योतिषाचार्य सुधानंद झा ने बताया कि पितृपक्ष 14 दिनों का है। तर्पण के लिए शुभ समय सुबह 11 बजे तक है। सूर्य के माथा पर आने से पहले तर्पण सर्वोत्तम है। ब्रह्ममुहूर्त से ही पितर तृप्ति की आस में रहते हैं। दिवंगत पूर्वजों के प्रति श्रद्धा अभिव्यक्ति का महापर्व पितृपक्ष में सुबह पितर और पूर्वजों का नाम लेकर जगें और स्नानादि के बाद भींगे वस्त्र में ही तर्पण करें। मंत्र याद नहीं हो तो मृतक पूर्वजों के नाम से जल दें। इस तरह करें तर्पण : कुश, काला तिल, सफेद फूल और जल लेकर दक्षिण मुख होकर पितरों का तर्पण करें। संस्कृत नहीं पढ़ सकते तो अपने पिता, दादा, परदादा और परदादा के पिता का नाम और गोत्र का उच्चारण कर ‘ऊं तर्पयामि बोल अपने दोनों हाथों से जल गिराएं। नदी, तालाब न हो तो घर में खुले आकाश में तर्पण करें। तर्पण के बाद सूर्य भगवान को ‘ऊँ श्री सूर्याय नमः कहकर जल दें और पुनः स्नान कर अपने पसंद के कपड़े पहनें।

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