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जमशेदपुर में ईद की नमाज में नफरत मिटाने को उठे हाथ

शहर के मुसलमानों ने बुधवार को हर्षोल्लास के वातावरण में ईद का त्योहार मनाया। ईदगाहों और मस्जिदों में सुबह दो रिअकत नमाज वाजिब अदा करने के बाद गले मिले और मुबारकबाद...

जमशेदपुर में ईद की नमाज में नफरत मिटाने को उठे हाथ
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरThu, 06 Jun 2019 04:22 PM
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शहर के मुसलमानों ने बुधवार को हर्षोल्लास के वातावरण में ईद का त्योहार मनाया। ईदगाहों और मस्जिदों में सुबह दो रिअकत नमाज वाजिब अदा करने के बाद गले मिले और मुबारकबाद दी। फिर शुरू हुआ अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के यहां जाकर सेवई-लच्छे से मुंह मीठा करने का, जो देर रात तक जारी रहा। मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में माहौल सुबह से ही उत्सवी था। रमजान के रोजे का तोहफा कहे जाने वाले पर्व ‘ईद की नमाज के बाद देश से नफरत मिटाने और भाईचारगी बढ़ाने, शहर की खुशहाली और अमन चैन के लिए हजारों हाथ उठे। नगर के तीन दर्जन मस्जिदों और कुछ ईदगाहों में नमाज का विशेष इंतजाम था। जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक प्रबंध थे। मानगो, जुगसलाई, मकदमपुर, शास्त्रीनगर में क्यूआरटी तैनात किए गए थे। मस्जिदों और ईदगाहों के पास काफी संख्या में पुलिस के जवान की ड्यूटी थी। प्रकृति भी ईद मनाने वालों पर थोड़ा मेहरबान रहा और उनकी खुशी को दोगुना कर दिया। सुबह सूर्य की चमक कम रही। उमस के बीच दोपहर के बाद आसमान में बादलों की आंख मिचौली देखने को मिली। तापमान अधिकतम और न्यूनतम सामान्य से कम रहा। देर रात तक खरीदारी और ईद की तैयारी के बाद सुबह से ही इस्लाम धर्मावलंबी नमाज की तैयारी में लगे थे। नए सफेद और रंग बिरंगे परिधानों में नमाज अदा करने पहुंचे युवा, बच्चे और बुजुर्गों के चेहरे की चमक देखते बनी। कोई रेडीमेड लखनवी कपड़ों में जंच रहा था तो कोई खान सूट पहने था। तरह तरह की टोपी, साफा और अमामा (पगड़ी) भी लोगों में आकर्षण का केंद्र बना रहा। ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज से पहले तकरीर में इमामों ने कुरान की रोशनी में इस्लाम के पैगाम से रूबरू कराया। बारी मस्जिद मानगो में मौलाना हारून रशीद ने सब्र और माफ करने वाला मुसलमान बनने के लिये प्रेरित किया।अधिकारों और दायित्वों का अहसास कराते हुए परिवार, पड़ोसी, शहर, राज्य और देश के प्रति ईमानदार रवैया अख्तियार करने पर जोर दिया। अल्लाह और नबी करीम का हक भी अदा करें। अल्लाह माफ करने वालों को पसंद करता है। लिहाज उनसे बंदगी का रिश्ता मजबूत करें। मुसीबत में हो तो नमाज पढ़ें । सब्र के जरिए परेशानियों से निजात की दुआ मांगें। अल्लाह फरमाता है तुम मुझे याद करोगे तो हम भी तुझे याद करेंगे।

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