चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम बीके साहू शनिवार को टाटानगर केन्द्रीय विद्यालय पहुंचे और शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाया। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से वेद से लेकर विज्ञान, संस्कृत और भूगोल तक के सवाल पूछे। हालांकि विद्यार्थी उनकी क्लास में फेल रहे। वे दो घंटे तक बच्चों को पढ़ाते रहे।
डीआरएम ने अपने सवालों की शुरुआत एक मिनट में कितने सेकेंड और एक दिन में कितने सेकेंड होते हैं, से की। इसपर विद्यार्थियों की तुक्केबाजी चलती रही। इसके बाद पूछा कि ऊर्जा किसे कहते हैं, इसपर सभी खामोश रहे। फिर प्रोटोन के बारे में पूछ डाला तो कोई जवाब नहीं मिला। हंसते हुए वे सवाल पर सवाल करते रहे, लेकिन विद्यार्थी कुछ सामान्य प्रश्नों के ही उत्तर दे पाए।
शिक्षकों को पढ़ाने की जरूरत बताई
विद्यार्थियों की स्थिति देखकर डीआरएम ने कहा कि शिक्षकों को पढ़ाने की जरूरत है। शिक्षकों ने बच्चों की पढ़ाई का ठेका लिया है। ऐसे में लगता है कि पहले शिक्षकों को पढ़ाई पर ध्यान देना जरूरी है। फिर उन्होंने छात्रों से पूछा कि शिक्षक ध्यान से नहीं पढ़ाते हैं तो बताओ गलती किसकी है, आपकी या शिक्षक की। उसके बाद उन्होंने कहा कि हम पुस्तकों से लाइब्रेरी भर दें, लेकिन ज्ञान अपने अंदर नहीं लाएं तो कोई लाभ नहीं है। दुखद है कि शिक्षा के साथ अत्याचार हो रहा है। वह शिक्षा जरूरी है, जिससे बच्चों में परिवर्तन आए। छात्र गूगल का इस्तेमाल करें, लेकिन उसमें से जो सच है उसे ही हासिल करें। ऊर्जा हर जगह है और सब में है, लेकिन उसका इस्तेमाल हम कैसे करते हैं यह हम पर निर्भर है। हर समय खुश रहना है, ताकि हम सकारात्मक बने रहें।
टाइम टेबल बनाकर पढ़ें
छात्रों को परीक्षा के टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि आपदा में अवसर को तलाशना ही सृजनात्मकता है। अपना टाइम टेबल बनाएं और उसके साथ ही लक्ष्य तय करें कि हमें क्या पढ़ना है। मोबाइल का इस्तेमाल करें, लेकिन उतना ही, जितना जरूरी है। समय प्रबंधन पर ध्यान देना आवश्यक है।
इससे पहले स्कूल की प्रिंसिपल सावित्री देवी ने कहा कि केवी के विद्यार्थी आगामी परीक्षा में बेहतर करने का प्रयास करेंगे और पिछले वर्ष से अधिक अंक लाएंगे। उन्होंने कुछ अभिभावकों को नासमझ बताते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में वैसे अभिभावकों के चलते स्कूल का माहौल खराब हुआ है। इससे पहले छात्रों ने स्वागत गीत, गणेश वंदना प्रस्तुत की। स्कूल परिसर में डीआरएम ने पौधरोपण भी किया। बच्चे भी डीआरएम को अपने बीच पाकर खुश दिखे। स्कूल में पहुंचने के बाद डीआरएम ने सबसे पहले केंद्रीय विद्यालय के प्रक्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त सम्मान पत्र को दोबारा अपने हाथों से दिया। इसके बाद वहां शिक्षकों-बच्चों को संबोधित भी किया।