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एमजीएम में बीमारियों की वजह तलाश रहे डॉक्टर

एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में छह विषयों पर शोध कार्य चल रहा है। यह यहां के लोगों को होने वाली विभिन्न बीमारियों में मिलने वाले सामान्य कमियों पर हो रहा है। अभी हाल में ही एमजीएम कॉलेज में झारखंड की...

एमजीएम में बीमारियों की वजह तलाश रहे डॉक्टर
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरSat, 27 Apr 2019 02:06 AM
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एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में छह विषयों पर शोध कार्य चल रहा है। यह यहां के लोगों को होने वाली विभिन्न बीमारियों में मिलने वाले सामान्य कमियों पर हो रहा है। अभी हाल में ही एमजीएम कॉलेज में झारखंड की पहली शोध इकाई बनी है। भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य एवं रिसर्च की ओर से मेडिकल कालेजों में नई शोध इकाई खोली गई है, ताकि यहां पढ़ने वाले छात्रों की शैक्षणिक योग्यता गुणवत्ता वाली हो। इसके लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज में तीन प्रयोगशालाएं बनी हैं। इसी शोध इकाई की समीक्षा के लिए गुरुवार को देश के विभिन्न स्थानों से प्रतिनिधियों की टीम आई है। इनमें इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के दिल्ली से डॉ. रवीन्द्र सिंह, भुवनेश्वर से डॉ. सुब्रतो पॉल, पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल एडुकेशन एंड रिसर्च की डॉ. मिताली चटर्जी, मेडिकल कॉलेज कोलकाता के प्रोफेसर डॉ. शांतनु सेन, रिम्स के डॉ. देवेश, झारखंड स्वास्थ्य विभाग के डॉ. राकेश दयाल, एमीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी, अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार, टीएमएच की चिकित्सक डॉ. विनिता सिंह, एमजीएम मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. विनिता सहाय सहित अन्य लोग मौजूद थे। दूसरे राज्यों के आदिवासियों और विलुप्त होती जातियों की तरह क्या सबर जाति में भी हीमोग्लोबिन वैरिएंट्स का कितना असर है। नोडल ऑफीसर रिसर्च सेंटर, एमजीएम के डॉ. शुभाशीष सरकार ने कहा कि प्रत्येक शोध टीम में दो से तीन सदस्य हैं। साथ ही उन्हें अन्य सहायता भी प्रदान की गई है। छह महीने में इस पर रिपोर्ट आनी है।

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