जिला प्रशासन के निर्देश को नहीं मान रहा एमजीएम अस्पताल प्रबंधन
जिला प्रशासन ने एमजीएम अस्पताल में बिना हस्ताक्षरित राशन कार्ड पर मुफ्त जांच की अनुमति दी थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन इस निर्देश का पालन नहीं कर रहा है। मरीज बिना हस्ताक्षर के राशन कार्ड के कारण परेशान...

जिला प्रशासन ने एमजीएम अस्पताल में बिना हस्ताक्षरित प्रिंटेड राशन कार्ड पर मरीजों को मुफ्त जांच करने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। प्रशासन के इस निर्देश को अस्पताल प्रशासन नहीं मान रहा है। विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी राहुल जी आनंद जी ने बताया कि उन्होंने 17 अगस्त को ही पत्र जारी कर दिया था। इसमें कहा गया था कि देखा जा रहा है कि विभागीय पोर्टल द्वारा निर्गत ऑनलाइन राशन कार्ड पर हस्ताक्षर करने तथा इसपर मुहर लगाने के लिए आम नागरिकों को कार्यालय में भेजा जा रहा है, जबकि इसपर हस्ताक्षर का कोई विभागीय आदेश नहीं दिया गया है। इसके कारण आम नागरिकों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन निकाले गए सभी राशन कार्ड विभागीय पोर्टल आहर डॉट झारखंड डॉट जीओवी डॉट इन एवं जेएसएफएसएस डॉट झारखंड डॉट जीओवी डॉट इन में उपलब्ध हैं। राशन की सत्यता की पुष्टि उक्त पोर्टल से की जा सकती है। इसलिए इस पत्र के अनुसार कार्रवाई की जाए, ताकि मरीजों को अनावश्यक परेशानी न हो तथा उनके कार्यालय में अनावश्यक रूप से भीड़ न हो। जिला प्रशासन के इस पत्र के बावजूद अस्पताल प्रशासन अपने पुराने रवैये पर कायम है और गरीब मरीजों को सिर्फ इस बिना पर वापस कर दे रहा है कि पोर्टल से निकाले गए प्रिंटेड राशन पर मार्केटिंग ऑफिसर का हस्ताक्षर नहीं है। ऐसे में मरीज दर-दर भटकते हैं। मार्केटिंग अफसर का यहां हस्ताक्षर नहीं होता है तो वे जिला प्रशासन में विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी, कार्यकारी मजिस्ट्रेट आदि अन्य पदाधिकारी के पास जाते हैं। ऐसे में न सिर्फ मरीज परेशान होते हैं, बल्कि उनका इस व्यवस्था से विश्वास भी उठ जाता है। गौरतलब है कि एमजीएम अस्पताल में डॉक्टरों से दिखाने के बाद मुफ्त जांच के लिए मरीज अस्पताल प्रशासन के पास जाते हैं। उन्हें अपने लाल, हरा या पीला रंग वाले राशन कार्ड या फिर कंप्यूटर से निकलने वाली उसकी ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंटेड कॉपी ले जानी होती है। मरीज तो ये प्रिंटेड कॉपी लेकर जाते हैं, लेकिन उसपर हस्ताक्षर नहीं होने की बात कहकर वापस कर दिया जाता है।
क्या हो सकता है उपाय
इसके लिए अस्पताल में एक ऐसा व्यक्ति हो, जो ऐसे मरीजों द्वारा लाए जाने वाले प्रिंटेड राशन कार्ड को पोर्टल से जांच लें और पदाधिकारी को मुफ्त जांच की अनुमति के लिए सुझाव दे दे। इससे कागजात की जांच भी हो जाएगी कि वह सही है या नहीं और मरीजों को भी परेशानी नहीं होगी।
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