सृजन संवाद की गोष्ठी में व्यंग्य साहित्यकारों पर चर्चा
सीतारामडेरा में रविवार को सृजन संवाद की 99वीं गोष्ठी हुई। डॉ. सी भास्कर राव ने
सीतारामडेरा में रविवार को सृजन संवाद की 99वीं गोष्ठी हुई। डॉ. सी भास्कर राव ने नए पुराने व्यंग्य साहित्यकारों को स्मरण किया। डॉ. राव ने कहा कि व्यंग्यकार प्रेम जन्मजेय, हरीश पाठक, सूर्य बाला, हीरालाल नागर, नरेंद्र कोहली सक्रियता से रचना कर रहे हैं। डॉ. संध्या सिन्हा ने हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचना लंका विजय के बाद का पाठ किया। वैभवमणि त्रिपाठी ने बेढप बनारसी की रचना लेफ्टेनेंट पिक्सन द्वारा भाषा के बर्ताव पर व्यंग्य किया।
अंशु तिवारी ने शरद जोशी की रेल यात्रा का पाठ कर श्रोताओं को भारतीय रेल की कमियों से रूबरू कराया। डॉ. विजय शर्मा ने संचालन करते हुए देशी-विदेशी व्यंग्यकारों की बातें की। मुंबई से डॉ. सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि आज परिस्थितियां पहले से अधिक विडंबनापूर्ण हुई है। पहले का व्यंग्य आज और तीखा होने की जरूरत है। बनारस के जयदेव दास ने धन्यवाद ज्ञापन किया। पोस्टर परमानंद रमण का रहा। मुंबई से जिलेंद्र राय, बेंगलुरू से अनघा, गोरखपुर से सुधा राजलक्ष्मी, बनारस से जयदेव दास, असम से खुर्शीद हयात, अजय मेहताब, आभा विश्वकर्मा, गीता दुबे, शैलेंद्र अस्थाना, ज्योत्सना अस्थाना, आशुतोष झा गोष्ठी में शामिल रहे।