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जमशेदपुर में लोगों की रफ्तार पर खतरनाक धुन सवार

शहर में लोगों पर रफ्तार की खतरनाक धुन सवार है, जो मौत का सबब बन रही है। सड़कों पर गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित है, लेकिन इससे दोगुना रफ्तार से लोग गाड़ियां दौड़ाते हैं। आंकड़े बताते हैं...

जमशेदपुर में लोगों की रफ्तार पर खतरनाक धुन सवार
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरWed, 09 Aug 2017 05:01 PM
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शहर में लोगों पर रफ्तार की खतरनाक धुन सवार है, जो मौत का सबब बन रही है। सड़कों पर गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित है, लेकिन इससे दोगुना रफ्तार से लोग गाड़ियां दौड़ाते हैं। आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली हर सप्ताह चार मौतों में दो ऐसी होती हैं, जिसका कारण वाहनों की तेज रफ्तार है। 209 वर्ग किलोमीटर में फैली शहर की सड़कों का चौड़ीकरण तो हो रहा है, लेकिन वाहनों की बढ़ती संख्या और अनियंत्रित रफ्तार पर कोई लगाम नहीं है।

खतरनाक बाइकर्स

शहर में बाइक की संख्या है 2 लाख 48 हजार 886 पांच वर्षों में बाइक दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 405
इन पांच वर्षों में शहर में सड़क दुर्घटनाओं में कुल मौत 674
अधिकांश बाइक चालक ट्रक-ट्रेलर की चपेट में आकर गंवाते हैं जान
एनसीआरबी का रिकार्ड - सड़क दुर्घटनाओं में रांची के बाद सबसे ज्यादा जमशेदपुर में मौतें

बेकाबू रफ्तार
गाड़ियां 60 से 80 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ती हैं
भारी वाहनों की रफ्तार पर भी नियंत्रण नहीं हैं
आबादी वाली पतली सड़कों पर भी कम नहीं भारी वाहन पांच वर्षों में बढ़े
शहर में 3 लाख 20 हजार 644 वाहन बेलगाम ट्रक-ट्रेलर
आद्यौगिक शहर होने के चलते किसी भी दूसरे शहरों से भारी वाहनों का आवागमन अधिक है
जमशेदुपर में तो पंजीकरण के आधार 3 हजार 846 ट्रेलर और 9 हजार 866 हैं ट्रकें
लेकिन रोज औसतन 16 हजार ट्रक-ट्रेलर का शहर के बाहर से भी आते हैं
बाइकर्स की मौत ज्यादा ट्रक-ट्रेलर की चपेट में आकर होती है

यातायात पुलिस का रोना
यातायात पुलिस के पास रफ्तार रोकने का कोई उपाय नहीं आवश्यकता है 155 की, लेकिन हैं महज 104
रफ्तार रोकने की जगह ज्यादातर लगे हैं हेलमेट चेकिंग में
प्रतिमाह बिना हेलमेट वालों से 33 लाख रुपये तक जुर्माना वसूला जाता है
 

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