सीएसआईआर-एनएमएल ने ई-कचरा निष्पादन के लिए रिसाइक्लिंग कंपनी नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड से किया करार
राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर ने दिल्ली की कंपनी नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड के साथ ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने के लिए...

राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर ने दिल्ली की कंपनी नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड के साथ ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने के लिए तकनीक हस्तांतरण का करार मंगलवार को किया है। नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली ने खराब बैटरी की रिसाइक्लिंग एवं प्रिंटेड सर्किट बोर्ड को लेकर तकनीक हस्तांतरण के लिए समझौता किया है। नोवासेंसा, ई-कचड़ा प्रोसेसिंग कर कीमती एवं बहुमूल्य धातु जैसे गोल्ड, लिथियम, कोबाल्ट, मैंगनीज, निकिल, कॉपर, अल्युमीनियम और ग्रेफाइट निकाल सकेगी। यह रिसाइक्लिंग प्लान्ट जो पूर्ण रूप से ई-वेस्ट के लिए बहुमूल्य तोहफा हैं कारण रिसाइक्लिंग ज़ीरो वेस्ट कोंसेप्ट पर कार्य करेगा। तकनीकी पर्यावरण अनुकूल हैं एवं इसके सही निस्पादन से पर्यावरण स्वच्छ होगा, बेरोजगार युवकों को नौकरी मिलेगी एवं असंगठित इकाई संगठित होकर कचड़ा उठाव एवं निस्पादन इस प्लान्ट के द्वारा कर सकेंगे। मुनिसिपल इकाई भी इस कंपनी से संपर्क कर कचड़ा निस्पादन कर पाएंगे।
इस मौके पर एनएमएल, जमशेदपुर के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव, परियोजना प्रमुख डॉ. मनीष कुमार झा, प्रभाग प्रमुख डॉ. संजय कुमार, डॉ. झुमकी हैत, डॉ. रंजीत कुमार सिंह एवं टीम शोधार्थी डॉ. रेखा पांडा, श्री ओम शंकर दिनकर, सुश्री रुकसाना परवीन ने एमओयू में अपना योगदान दिया। इनके अलावा व्यापार प्रमुख डॉ. एसके पाल और डॉ. बीणा कुमारी, डॉ अंजनी कुमार साहू इस मौके पर मौजूद थे।
नोवासेंसा प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली, के सह-संस्थापक और सीईओ श्री असीम त्रिवेदी अपने व्यवसाय का विस्तार करते हुए अब ई-कचरा रिसाइक्लिंग के व्यवसाय में प्रवेश कर रहे हैं। सीमित प्राकृतिक संसाधनों की अत्यधिक चिंता को ध्यान में रखते हुए, असीम त्रिवेदी ने कहा कि, "प्रदूषण मुक्त समाज बनाने के साथ-साथ भावी पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करके देश की सेवा करने के लिए ई-कचरा रिसाइक्लिंग तकनीक लेकर एवं सीएसआईआर-एनएमएल, जमशेदपुर का हिस्सा बनकर मुझे बहुत खुशी हो रही है”।
एनएमएल, जमशेदपुर के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने खुशी व्यक्त की और कहा कि, “हाल के दिनों में एनएमएल ने कई स्वदेशी तकनीकें भारतीय कम्पनियों को हस्तांतरित की हैं और आशा है कि भविष्य में हम भारत को ई-कचरा मुक्त समाज बनाने के लिए और अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी स्थानांतरित करेंगे”।
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