कोरोना की तीसरी लहर में खांसी कर रही परेशान, टीबी का खतरा
कोराना की तीसरी लहर में संक्रमित होने वालों को खांसी परेशान कर रही है। यह खांसी दो से तीन हफ्तों से अधिक समय तक भी देखी जा रही...
कोराना की तीसरी लहर में संक्रमित होने वालों को खांसी परेशान कर रही है। यह खांसी दो से तीन हफ्तों से अधिक समय तक भी देखी जा रही है। टीबी के लक्षणों में यह प्रमुख है कि यदि दो हफ्ते तक लगातार खांसी होती रहती है तो उसकी जांच करानी चाहिए। लम्बे समय तक चलने वाली खांसी किसी बड़ी बीमारी का कारण या संकेत हो सकती है। आमतौर पर दमा, गले में इंफेक्शन, टॉन्सिलाइटिस, फेरनजाइटिस, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों के इंफेक्शन, निमोनिया या हृदय रोग आदि की वजह से खांसी हो सकती है। लिहाजा खांसी को लेकर सतर्क रहना जरूरी है।
आईसीएमआर की गाइडलाइन
चिकित्सकों का कहना है कि अगर किसी को लगातार खांसी आ रही है या दो-तीन हफ्तों से ठीक नहीं हो रही है तो उसे ट्यूबरक्यूलोसिस (टीबी) या ऐसी ही किसी दूसरी बीमारी के लिए टेस्ट कराना चाहिए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने तीसरी लहर और पहले के मरीजों में आ रही टीबी के संक्रमण की जानकारी के बाद केंद्र सरकार को मरीजों के इलाज के लिए संशोधित गाइडलाइन दी है। आइसीएमआर का कहना है कि कोरोना से फेफड़े कमजोर हो जाते हैं, जिससे टीबी का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
सिम्टोमैटिक की होगी जांच
इधर, जिला यक्ष्मा विभाग टीबी मरीजों की तलाश के लिए 100 दिन का अभियान शुरू करने जा रहा है। इसमें पहले चरण में वैसे लोगों की जांच की जाएगी, जो कोरोना में सिम्टोमैटिक थे और साथ ही उन्हें लगातार खांसी थी। इनमें प्राथमिकता वैसे लोगों को भी दी जाएगी, जो लगातार खांसी के कारण भर्ती थे।