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कोरोना से जंग : जेल में पीपीई किट बना रहे सजायाफ्ता बंदी

घाघीडीह सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदी कोरोना से सुरक्षा के लिए पीपीई किट बना रहे हैं। अभी तक 200 किट तैयार किए गए हैं, जिसे कोल्हान के घाटशिला, सरायकेला और चाईबासा जेलों में भेजा गया है। इस किट का...

कोरोना से जंग : जेल में पीपीई किट बना रहे सजायाफ्ता बंदी
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरWed, 10 Jun 2020 11:15 PM
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घाघीडीह सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदी कोरोना से सुरक्षा के लिए पीपीई किट बना रहे हैं। अभी तक 200 किट तैयार किए गए हैं, जिसे कोल्हान के घाटशिला, सरायकेला और चाईबासा जेलों में भेजा गया है। इस किट का इस्तेमाल जेल में कोरोना वायरस से आंतरिक सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। पहले बनाया था थ्री लेयर मास्क : जेल में पीपीई किट उन्हीं सजायाफ्ता कैदियों ने बनाया है जिन्होंने पहले थ्री लेयर मास्क बनाया था। कैदियों द्वारा बनाये गए मास्क राज्य के दूसरे जिलों में भी भेजे गए थे। बीमार बंदियों के लिए किट का इस्तेमाल : जेल में पीपीई किट का इस्तेमाल बीमार बंदियों को अस्पताल लाने और ले जाने में किया जाता है। उन्हें बीमारी की अवस्था में जब जेल से अस्पताल भेजा जाता है तो जो स्वास्थ्य कर्मी पीपीई किट पहनकर ही बंदी को जेल से अस्पताल तक लेकर जाते हैं। जेल में बना है विशेष गाउन : जेल में आने वाले बंदियों की गेट में ही जांच करायी जाती है। इसके लिए वहां मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम को जेल में बना विशेष गाउन दिया गया है। वे लोग जेल में आने वाले बंदियों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं।जेल से छूटने वाले को परमिट : जेल से छूटने वाले बंदियों को वे जहां जाना चाहते हैं उसके लिए परमिट जेल से ही निर्गत होता है। इसमें दूसरे प्रदेश जाने के लिए दूसरे परमिट की आवश्यकता नहीं है। लॉकडाउन के बाद से जो भी बंदी जेल से जमानत व दूसरे मामलों में छूटता है तो उसे सीधे नहीं छोड़कर जेल प्रशासन उसे पुलिस शिविर के हवाले करती है। पुलिस उसे जांच के बाद कौन उसे लेने के लिए आया है उसकी शिनाख्त कर उसे जाने देती है।

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