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जमशेदपुर : टाटा स्टील परिसर में ठेकेदार ने फांसी लगाकर दी जान

टाटा स्टील परिसर में मंगलवार सुबह ठेकेदार उमेश कुमार पांडेय उर्फ मुखिया पांडेय (55) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनका शव कंपनी के स्टॉक यार्ड स्थित उनकी ठेका कंपनी के गोदाम स्थित कार्यालय में...

जमशेदपुर : टाटा स्टील परिसर में ठेकेदार ने फांसी लगाकर दी जान
हिन्दुस्तान टीम, जमशेदपुरTue, 25 Feb 2020 07:41 PM
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टाटा स्टील परिसर में मंगलवार सुबह ठेकेदार उमेश कुमार पांडेय उर्फ मुखिया पांडेय (55) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनका शव कंपनी के स्टॉक यार्ड स्थित उनकी ठेका कंपनी के गोदाम स्थित कार्यालय में मिला। उनकी कंपनी का नाम एमएस स्पेयर केयर प्राइवेट लिमिटेड है। पुलिस ने उनकी जेब से सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें उन्होंने अपनी मौत का कारण अत्यधिक कर्ज में डूबना और अपने भाई का ठीक से इलाज नहीं करा पाना लिखा है।

उमेश कुमार जमशेदपुर के बागबेड़ा रोड नम्बर छह 30/1/8 के निवासी थे। वे मूल रूप से बिहार के आरा जिले के रामापुर सनदिया के रहने वाले थे।उनके भतीजे सुकेश कुमार पांडेय ने बताया कि सुबह पांच बजे वे घर से कंपनी के लिए स्कूटी से निकले थे। रोज वे कार से निकलते थे और करनडीह में रहने वाले अपने एक स्टाफ योगेन्द्र कुमार को साथ लेकर ही कंपनी जाते थे। सुबह वे योगेन्द्र को साथ नहीं लेकर अकेले ही कंपनी चले गए। उनके इतनी सुबह और स्कूटी लेकर निकलने पर भाभी मीरा देवी को शक हुआ और सुबह 8.30 बजे उन्होंने उमेश को कई बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

इसपर उन्हें शक हुआ तो उन्होंने कंपनी के स्टाफ योगेन्द्र को कॉल किया। योगेन्द्र उस वक्त कंपनी में नहीं गए थे। योगेन्द्र ने कंपनी में मौजूद दूसरे ठेककर्मी को फोन कर मुखिया पांडेय से बात कराने को कहा। वह स्टाफ उनके कार्यालय में गया तो दरवाजा खुला था। कई बार बाहर से आवाज दी, लेकिन जवाब नहीं मिला। इसपर उन्हें शक हुआ और वे वहां मौजूद सुरक्षागार्ड को लेकर अंदर गए तो देखा कि उनका शव रस्सी के फंदे से कमरे की कुंडी से लटक रहा था।

तुरंत ही गार्ड ने इसकी सूचना पुलिस को दी। तब तक दिन के 10.30 बज चुके थे। मौके पर पुलिस पहुंची और मृतक के भतीजे सुकेश को बुलाया। सुकेश के सामने ही फंदे से शव को नीचे उतारा गया। तलाशी लिए जाने पर उनकी जेब से सुसाइड नोट मिला। शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने उनके मोबाइल फोन को जब्त कर लिया है।

यह लिखा है सुसाइड नोट में
अपने बड़े भाई को संबोधित सुसाइड नोट में मुखिया पांडेय ने लिखा है कि बैंक का कर्ज ज्यादा बढ़ गया है। आपकी किडनी का इलाज ठीक से नहीं करा पा रहा हूं। इससे काफी परेशान हूं। मेरी आत्महत्या के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मुझे माफ करना। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में तीन हस्ताक्षर भी किए हैं और उसे घेर दिया है। ये हस्ताक्षर बैंक और कंपनी दोनों में हैं।

पत्नी की दिमागी हालत नहीं है ठीक
भतीजे सुकेश कुमार पांडेय ने बताया कि उनके चाचा तीन भाई थे। उसमें एक सुदामा पांडेय, जो उनके पिता थे उनकी मौत कुछ दिनेां पहले कैंसर से हो गई थी। उनके एक और चाचा लक्ष्मी दत्त पांडेय की दोनों किडनी खराब है। एमएस स्पेयर केयर प्राइवेट लिमिटेड में लक्ष्मी दत्त पांडेय भी पार्टनर हैं। उनकी बीमारी के चलते छोटे चाचा मुखिया पांडेय ही काम देखते थे। चाचा मुखिया पांडेय की कोई संतान नहीं है। पत्नी सात साल पहले ही उन्हें छोड़कर जा चुकी हैं।

पहले भी एक बार फांसी लगाकर जान देने की कोशिश की थी
सुकेश ने बताया कि तीन महीने पहले भी उनके चाचा उमेश कुमार पांडेय उर्फ मुखिया पांडये ने अपने बागबेड़ा स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की कोशिश की थी। वे फंदे से लटक भी गए थे। लेकिन, ज्योंहि उन्हें सूचना मिली फंदे से उतारकर उन्हें सीपीआर दिया, जिससे की उनकी सांस दोबारा चलने लगी थी।

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