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झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान करेगा आयोग

झारखंड और जेपी आंदोलनकारियों की पहचान करने के लिए झारखंड आंदोलनकारी एवं जेपी आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को जमशेदपुर पहुंचा। सर्किट हाउस में आयोग के सदस्य डॉ. देवशरण भगत और...

झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान करेगा आयोग
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 24 Oct 2017 06:39 PM
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झारखंड और जेपी आंदोलनकारियों की पहचान करने के लिए झारखंड आंदोलनकारी एवं जेपी आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को जमशेदपुर पहुंचा। सर्किट हाउस में आयोग के सदस्य डॉ. देवशरण भगत और सुनील फकीरा कच्छप ने आंदोलनकारियों की पहचान के लिए पूर्व सांसद शैलेन्द्र महतो और पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा को बुला रखा था। दोनों पहुंचे भी और दावेदारी करने वालों की पहचान में मदद भी की।

डीसी कौन होते हैं प्र्रमाणपत्र देने वाले : इस दौरान बेसरा ने इस बात पर ऐतराज जताया कि आंदोलनकारियों को डीसी, मंत्री अमर बाउरी और गृह एवं कारा विभाग के द्वारा प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है। कहा, यह गलत है। हालांकि इस पर शैलेन्द्र महतो की दूसरी राय थी। उन्होंने कहा कि डीसी सरकार के एजेंट होते हैं और जिलास्तर पर उन्हें इसका अधिकार दिया गया है।

62 हजार आवेदन, चार हजार को पेंशन : इस दौरान डॉ. देवशरण भगत ने बताया कि राज्य से झारखंड आंदोलनकारी होने का दावा करने वालों के 62 हजार आवेदन पहुंच चुके हैं। जांच के बाद चार हजार को पेंशन भुगतान किया जाने लगा है। इनमें दो तरह के आंदोलनकारी हैँ। छह माह से कम और छह माह से अधिक जेल में रहने वाले। जहां तक जेपी आंदोलनकारियों की बात है, राज्य भर से 1300 आवेदन पहुंचे हैं। इनमें से अभी तक 150 ही चिह्नित हुए हैं। सदस्यों ने बताया कि अनेक नामचीन आंदोलनकारियों ने आवेदन ही नहीं किया है। शैलेन्द्र महतो ने जिले सिर्फ तीन लोग ही जेपी आंदोलन में जेल गए थे। इनमें पूर्व सांसद रुद्र प्रताप षाड़ंगी, पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय व संतोष अग्रवाल हैं।

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