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बाल सांसद पर टिकी है शिक्षण व्यवस्था

शिक्षा विभाग की तमाम कवायद के बावजूद स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति में कुछ ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दूर समान्य पढ़ाई के लिए विद्यार्थियो को नहीं मिल पा रही है। प्रखंड के कई...

बाल सांसद पर टिकी है शिक्षण व्यवस्था
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरSun, 12 Aug 2018 04:57 PM
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शिक्षा विभाग की तमाम कवायद के बावजूद स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति में कुछ ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दूर समान्य पढ़ाई के लिए विद्यार्थियो को नहीं मिल पा रही है।

प्रखंड के कई स्कूलों में बाल संसद पर शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह आश्रित है। सरायकेला के विधायक चंपई सोरेन ने गंभीरता से लेते हुए मानसून सत्र में इस मामले को उठाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया था। अभ्यास बालिका मध्य विद्यालय की वर्तमान स्थिति राज्य में गुणवत्तायुक्त शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। कक्षा से एक से लेकर आठ तक में कुल 691 बच्चे हैं। कुल नौ वर्ग कक्ष में बच्चों के पठन पाठन के लिए तीन शिक्षिका एवं एक प्रभारी प्रधानाध्यापक है। अगामी 31 अगस्त को एक शिक्षिका जीदन आइन सेवा निवृत होंगी। बाल सांसद की ओर से कक्षा में पठन-पाठन का दायित्व संभाला जाता है।

पेयजल की है गंभीर समस्या : बच्चों के पेयजल के लिए तीन चापाकल लगाए गए हैं, किंतु पानी की गुण्वत्ता इतनी बदतर है कि बच्चे प्यासे ही रह जाते हैं। मध्यान्ह भोजन के बाद बच्चों को पेयजल के लिए तरसना पड़ता है।

13 शिक्षकों की है आवश्यकता : स्कूल में 791 छात्रों को तीन शिक्षक पढ़ा रहे हैं, जबकि शिक्षा का अधिकार कानून के अनुसार 13 शिक्षकों की जरूरत है। सरकार से कई बार लगा चुकी गुहार : छात्र संख्या के अनुसार शिक्षक उपलब्ध नहीं होने से बच्चों को हो रही परेशानी को देखते हुए लगातार सरकार को पत्र लिखा गया है। प्रभारी प्रधानाध्यापक विश्व नाथ खंडाइत ने बताया कि शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गुहार कई बार लगायी गयी, किंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

150 बच्चों पर है 12 शिक्षक : टेंटोपोसी पंचायत के सिंदूकोपा स्थित मध्य विद्यालय में 150 बच्चों को पढ़ाने के लिए 12 शिक्षक हैं। इसमें छह सरकारी व छह पारा शिक्षक शामिल हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में उक्त स्कूल में छात्र अनुपात में शिक्षक कार्यरत थे। नव प्राथमिक विद्यालय सिंदूकोपा व आंवलाटांड़ का उक्त स्कूल में विलय किये जाने के बाद अब उक्त स्कूल में शिक्षकों की संख्या में वृद्धि हो गयी है।

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