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राहरगोड़ा में चेसिस चालक विक्रम सिंह को मारी गोली

राहरगोड़ा स्थित ईंट भट्ठा में रविवार शाम लगभग सात बजे टाटा मोटर्स के कान्वाई चालक विक्रम सिंह को गोली मार दी गयी। गोली उसके दाहिने पैरे में लगी है और उन्हें एमजीएम के बाद टीएमएच में भर्ती कराया गया...

राहरगोड़ा स्थित ईंट भट्ठा में रविवार शाम लगभग सात बजे टाटा मोटर्स के कान्वाई चालक विक्रम सिंह को गोली मार दी गयी। गोली उसके दाहिने पैरे में लगी है और उन्हें एमजीएम के बाद टीएमएच में भर्ती कराया गया...
1/ 2राहरगोड़ा स्थित ईंट भट्ठा में रविवार शाम लगभग सात बजे टाटा मोटर्स के कान्वाई चालक विक्रम सिंह को गोली मार दी गयी। गोली उसके दाहिने पैरे में लगी है और उन्हें एमजीएम के बाद टीएमएच में भर्ती कराया गया...
राहरगोड़ा स्थित ईंट भट्ठा में रविवार शाम लगभग सात बजे टाटा मोटर्स के कान्वाई चालक विक्रम सिंह को गोली मार दी गयी। गोली उसके दाहिने पैरे में लगी है और उन्हें एमजीएम के बाद टीएमएच में भर्ती कराया गया...
2/ 2राहरगोड़ा स्थित ईंट भट्ठा में रविवार शाम लगभग सात बजे टाटा मोटर्स के कान्वाई चालक विक्रम सिंह को गोली मार दी गयी। गोली उसके दाहिने पैरे में लगी है और उन्हें एमजीएम के बाद टीएमएच में भर्ती कराया गया...
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरTue, 07 Jul 2020 01:40 AM
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राहरगोड़ा स्थित ईंट भट्ठा में रविवार शाम लगभग सात बजे टाटा मोटर्स के कान्वाई चालक विक्रम सिंह को गोली मार दी गयी। गोली उसके दाहिने पैरे में लगी है और उन्हें एमजीएम के बाद टीएमएच में भर्ती कराया गया है। गोली मारने का आरोप झामुमो नेता और मध्य गदड़ा की पूर्व मुखिया हेमंत खालको पर लगा है। हेमंत की बहन मुखिया है। विक्रम, हेमंत का मित्र है और इनके बीच शनिवार शाम शराब पीने के मजाक में एक-दूसरे को कमेंट करने में मारपीट हुई थी। गोली लगने की सूचना मिलने पर भाजपा नेता विमल बैठा अस्पताल पहुंचे। विक्रम के अनुसार इसी मारपीट का बदला लेने के लिए हेमंत अपने साथ छह-सात युवकों को लेकर उसे खोजता हुआ ईंट भट्ठा में आया। वहां वह अपने एक साथी के साथ वहां बैठा हुआ था। हेमंत ने यह कहते हुए कि शनिवार को उसने गला दबाकर उसकी हत्या करने की कोशिश की थी, उसके बाद गोली चला दी। गोली लगने के बाद पैदल ही विक्रम घटना स्थल से उठकर मेन रोड तक आया, जहां से उसे अस्पताल लाया गया। इधर, हेमंत खालको ने गोली चलाने से इनकार किया है। उसका कहना है कि विक्रम उसका दोस्त है। किसी बात को लेकर यदि अनबन हो भी गयी है तो वह गोली क्यों चलाएगा। यह किसी की साजिश है। वह अपने घर में है। यदि गोली चलाने की बात होती तो वह घर छोड़कर कहीं भागता नहीं। बताया जाता है कि हेमंत और विक्रम दोनों करीबी दोस्त हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इनक बीच मनमुटाव चल रहा था। लॉकडाउन से ही हेमंत और विक्रम के बीच भोजन बांटने को लेकर विवाद हुआ था। हेमंत ने विक्रम पर आरोप लगाया था कि विक्रम घूम- घूमकर लेागों से यह कह रहा है कि मुखिया को राशन बांटने के लिए पैसे मिले हैं, लेकिन वह बांट नहीं रहा है। इस बात को लेकर इनके बीच कई बार ठनी थी लेकिन फिर भी इनका उठना बैठना साथ था। हेमंत की पहले आपराधिक पृष्ठ भूमि रही है और वह राजेश कच्छप गिरोह का प्रमुख सदस्य था। बाद में उसने अपराध की दुनिया को छोड़कर राजनीतिक का दामन थामा और झामुमो से राजनीतिक करते हुए उसने मध्य गदड़ा से उप मुखिया का चुनाव जीता था।

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