छात्रों को एकजुट होने की जरूरत : एआईडीएसओ
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन ने पूर्वी सिंहभूम में 71वें स्थापना दिवस पर साकची से उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली। छात्रों ने शिक्षा की सुरक्षा के लिए एकजुट होने की अपील की। विभिन्न...
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी की ओर से एआईडीएसओ के 71वें स्थापना दिवस पर शनिवार को साकची आमबागान मैदान से उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली गई। इस दौरान शिक्षा को बचाने के लिए छात्रों को एकजुट होने की बात कही गई। इस दौरान विभिन्न शैक्षणिक समस्याओं को लेकर जिला उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया। वहीं, विभिन्न मांगों को लेकर जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। संगठन के प्रदेश कोषाध्यक्ष युधिष्ठिर कुमार ने कहा कि एआईडीएसओ छात्रों को संगठित करने का काम कर रहा है। छात्र और शिक्षाप्रेमियों की लड़ाई सिर्फ शिक्षा बचाने की नहीं है, बल्कि सभ्यता और इंसानियत बचाने की भी है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की बदहाली चरम पर है। सरकार द्वारा शिक्षा बजट में कटौती एवं आवश्यक संसाधनों की कमी की वजह से सार्वजनिक शिक्षा हांफ रही है। नयी शिक्षा नीति-2020 बची-खुची सरकारी शिक्षा को भी समाप्त कर रही है। यह नीति शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण व साम्प्रदायीकरण की ब्लूप्रिंट के सिवा कुछ नहीं है।
जिला सचिव शुभम झा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सरकारी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने तथा शिक्षा का सम्पूर्ण व्यवसायीकरण करने की नीति है। नई नीति के कारण ही विश्वविद्यालयों में बेतहाशा फीस वृद्धि हो रही है। शिक्षा को बचाने के लिए छात्रों को संगठित होने की जरूरत है। कार्यक्रम में संगीत मंडली की ओर से क्रांतिकारी गीत की प्रस्तुति दी गई। सभा का संचालन जिला कार्यालय सचिव किशोर कुमार पाल ने किया। कार्यक्रम में प्रेमचंद, खुदीराम,राजेश, पायल, ब्रजेश, रीमा, समीर और सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
ये हैं मुख्य मांग
- रिक्त पदों पर शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी की बहाली की जाए।
- केयू में जेनरिक और मैथड पेपर की परीक्षा ली जाए।
- छात्रों के लिए नि:शुल्क बस सेवा उपलब्ध कराया जाए।
- निजी स्कूलों में फीस वृद्धि एवं अन्य खर्चों पर रोक लगाया जाए।
- नशाखोरी, पोर्नोग्राफी और शराब दुकान पर पाबंदी लगाई जाए।
- छात्राओं की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करें।
- पाठ्यक्रमों में महापुरुषों व क्रांतिकारीयों के जीवन संघर्ष को शामिल करें
- स्कूल और कॉलेज में लैब और लाइब्रेरी की व्यवस्था की जाए।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द किया जाए।
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