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झारखंड में 960 स्थाई डॉक्टरों और कर्मचारियों की भर्ती करेगा स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य जगत के लिए सरकार की ओर से बड़ी खुशखबरी है। दस साल के लंबे अंतराल के बाद सरकारी स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों स्थाई भर्तियां होंगी। यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इसका मतलब वर्षों से...

झारखंड में 960 स्थाई डॉक्टरों और कर्मचारियों की भर्ती करेगा स्वास्थ्य विभाग
center,jamshedpurMon, 22 May 2017 03:31 PM
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स्वास्थ्य जगत के लिए सरकार की ओर से बड़ी खुशखबरी है। दस साल के लंबे अंतराल के बाद सरकारी स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों स्थाई भर्तियां होंगी। यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। इसका मतलब वर्षों से कर्मचारियों की कमी के कारण लचर व्यवस्था का दंश झेल रहा स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से चौकस होगा। पूरे राज्य में निकलेंगी 960 स्थायी भर्तियां : स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस वित्तीय वर्ष में पूरे राज्य में 960 स्थायी भर्तियां निकाली जाएंगी। इनमें से तृतीय व चतुर्थ वर्ग के 800 कर्मचारियों की स्थायी भर्ती होगी। डॉक्टरों की 125 भर्तियां व सीनियर रेजीडेंट/ट्यूटर की 35 भर्तियां शामिल हैं। ये भर्तियां महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) कॉलेज व अस्पताल, जमशेदपुर व पीएमसीएच, धनबाद समेत कुछ सदर अस्पताल के लिए निकाली जाएंगी। सूचना के मुताबिक, इसकी फाइल फिलहाल मुख्यमंत्री के पास पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री से स्वीकृति मिलते ही विज्ञापन निकाला जाएगा। अनुबंध व ठेका कर्मचारियों को मिलेगी वरीयता : स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव एसके त्रिपाठी ने बताया कि जो लोग कई वर्षों से अनुबंध या ठेका पर काम कर रहे हैं, उन्हें इन स्थायी भर्तियों में वरीयता के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा शैक्षणिक योग्यता व अनुभव के आधार पर भर्ती ली जाएगी। विदित हो कि स्वास्थ्य विभाग में दस वर्षों से केवल अनुबंध पर ही कर्मचारियों की भर्ती हो रही थी। स्वास्थ्य व्यवस्था होगा चौकस : दस वर्षों से सरकारी स्वास्थ्य विभाग को अनुबंध कर्मचारियों के भरोसे चलाया जा रहा था। इसके कारण एमजीएम समेत लगभग सभी सरकारी अस्पतालों की स्थिति दयनीय थी। ठेका पर रखे गए कर्मचारियों के पास पर्याप्त शैक्षणिक योग्यता नहीं होने के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था लचर हो गई थी। इसके अलावा एमजीएम व सदर अस्पतालों के कई विभागों में कर्मचारियों की भारी कमी थी। स्थायी भर्तियां होने से कर्मचारियों की कमी दूर होगी और स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर होगी।

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