पटमदा में 75 पैसे लौकी, जमशेदपुर में 10 रुपये किलो
पटमदा प्रखंड के सब्जी किसान सिर धुन रहे हैं। उनकी लौकी कौड़ी के भाव बिक रही है। बुधवार को पटमदा के बेलटांड़ बाजार में 80 किलो लौकी मात्र 60 रुपए में बिकी। प्रति किलो में इसे विभाजित करें तो कीमत...
पटमदा प्रखंड के सब्जी किसान सिर धुन रहे हैं। उनकी लौकी कौड़ी के भाव बिक रही है। बुधवार को पटमदा के बेलटांड़ बाजार में 80 किलो लौकी मात्र 60 रुपए में बिकी। प्रति किलो में इसे विभाजित करें तो कीमत मात्र 75 पैसे पड़ती है। परंतु दुखद यह है कि यही लौकी जमशेदपुर के बाजार पहुंचकर 10 से 15 रुपए किलो बिक रही है। इस प्रकार सारा घाटा किसान उठा रहे हैं।
बुधवार को पटमदा के बेलटांड़ स्थित डेली मार्केट में लौकी लेकर पहुंचे पवनपुर निवासी किसान जगबंधु सहिस ने सुबह से दोपहर तक ग्राहकों की प्रतीक्षा की। जब एक रुपए किलो भी खरीदने को कोई तैयार नहीं हुआ तो उन्होंने एक व्यापारी को आग्रह कर 75 पैसे किलो की दर से 80 किलो लौकी 60 रुपए में बेच दी।
यह स्थिति लॉक डाउन के कारण पैदा हुई है। लॉक डाउन में सब्जियां जमशेदपुर से बाहर के बाजारों में नहीं जा पा रहीं हैं। और फिलहाल लोकल बाजार में आमद अधिक होने की वजह से पर्याप्त कीमत नहीं मिल रही है। स्थानीय गल्ला दुकानदार आदित्य हालदार का कहना है कि गत कुछ दिनों से लौकी का दर 5 रुपए से कम होते-होते मुफ्त में बांटने जैसी स्थिति हो गई है। प्रतिदिन दर्जनों किसान आते तो हैं। पर चेहरे पर खुशी की जगह मायूसी लेकर लौटते हैं।
छह हजार खर्च हुआ मात्र 1500 आमदनी
किसान जगबंधु का कहना है कि करीब 6 हजार रुपए खर्च कर एक बीघा में लौकी की खेती की है। 3-4 खेप में मुश्किल से 1500 रुपए की आमदनी हुई है। सप्ताह में एक दिन तालाब से सिंचाई का खर्च अलग है। उन्होंने बताया कि पवनपुर से बेलटांड़ की दूरी करीब 10 किमी है। आने-जाने में 30 रुपए का पेट्रोल खर्च हुआ सो अलग। आलम यह है कि कुछ लोग अपने मवेशियों को खिलाने के लिए लौकी व खीरा खरीदकर ले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लौकी से अधिक तो पत्ते समेत उसका डंठल (लाव डग) बिक रहा है।
