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विरोध के बीच बिरसानगर में तोड़े गए 40 ढांचे

मुखर विरोध के बीच बिरसानगर में आस्था ट्विन सिटी के पास लालटांड़ में सरकारी जमीन पर अवैध ढंग से बनाए गए करीब 40 ढांचों को गुरुवार को तोड़ दिया गया। इनमें कई निर्माणाधीन घर थे। कई छोटे-मोटे गोदाम जबकि...

विरोध के बीच बिरसानगर में तोड़े गए 40 ढांचे
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरFri, 17 Aug 2018 06:29 PM
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मुखर विरोध के बीच बिरसानगर में आस्था ट्विन सिटी के पास लालटांड़ में सरकारी जमीन पर अवैध ढंग से बनाए गए करीब 40 ढांचों को गुरुवार को तोड़ दिया गया। इनमें कई निर्माणाधीन घर थे। कई छोटे-मोटे गोदाम जबकि अधिकांश चारदीवारी थी। भविष्य में घर बनाने के उद्देश्य से कब्जाकर इन्हें घेरा गया था। अभियान करीब पांच घंटे तक चला। इस दौरान करीब तीन एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया।

भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 12 बजे दो जेसीबी की मदद से तोड़-फोड़ शुरू की गई। इस दौरान क्यूआरटी को तैनात किया गया था। अंचलाधिकारी महेश्वर महतो नेतृत्व में चले इस अभियान में बिरसानगर थाना प्रभारी भूषण कुमार, जमशेदपुर अक्षेस के सिटी मैनेजर रवि भारती, प्रभारी सीआइ राजेन्द्र यादव, अंचल कर्मचारी और अमीन शामिल हुए। पांच बजे अभियान का समापन हुआ। पीएम आवास के लिए पांच एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराना है। सभी को पूर्व में ही खाली करने का नोटिस जारी किया गया था। जमीन करीब एक साल पूर्व जमशेदपुर अक्षेस को हस्तांतरित की जा चुकी है।

महिलाओं को आगे कर हुआ विरोध : अभियान में उन घरों को फिलहाल छोड़ दिया गया जिनमें लोग रह रहे हैं। उन्हें जल्द खाली करने की चेतावनी दी गई है। इसके बावजूद निर्माणाधीन ढांचों को तोड़ने और अन्य चारदीवारी को ध्वस्त करने पर महिलाओं ने मुखर विरोध किया। हालांकि उन्हें महिला जवानों ने अवरोध बनने से रोक दिया। मगर एक दो महिलाएं लेट गईं। सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि वे बेहोशी का दिखावा कर अभियान रोकने का प्रयास कर रहीं थीं। बताया जाता है एक कथित महिला नेत्री के इशारे पर विरोध किया जा रहा था।

शाम में सीएम आवास घेरने पहुंचे बस्तीवासी : इस अभियान के विरोध में शाम में बस्तीवासी कांग्रेस नेता आनंद बिहारी दुबे के नेतृत्व में सीएम आवास घेरने के उद्देश्य से सौ से अधिक लोग एग्रिको पहुंचे। इनमें महिलाएं भी थीं। मगर लाइट सिग्नल के पास ही बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस ने उन्हें रोक दिया। क्यूआरटी की तैनाती के कारण काफी प्रयास के बावजूद वे आगे नहीं बढ़ सके। आखिरकार डीएसपी केएन मिश्रा से उनकी बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि वे उपायुक्त के पास अपनी बात रख सकते हैँ। इसके बाद सभी लौट गए। उनका कहना है कि उन्हें सीएम और डीसी से आश्वासन मिला था कि घर नहीं टूटेगा, इसके बावजूद बरसात में तोड़फोड़ की गई।

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