एक ओर लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए सड़क सुरक्षा माह मनाया जा रहा है, वहीं जिले में लोग यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिले में 193 कॉमर्शियल वाहन बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के दौड़ रहे हैं। ये कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
जिला परिवहन ने दिया 15 दिनों का नोटिस : राज्य के महालेखाधिकारी यानी ऑडिटर जनरल (एजी) ने बिना फिटनेट सर्टिफिकेट दौड़ रहे वाहनों की जिलावार समीक्षा की है। इसमें पूर्वी सिंहभूम में 193 कॉमर्शियल वाहन बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के दौड़ते पाए गए हैं। एजी की आपत्ति पर जिला परिविहन विभाग की ओर से सभी 193 वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए नोटिस जारी किया गया है। सभी को 15 दिनों के अंदर वाहन की मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) से फिटनेस जांच कराकर सर्टिफिकेट प्राप्त करने को कहा गया है।
सबसे अधिक मालवाहक वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर : जिला परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, जिले में सबसे अधिक मालवाहक वाहनों (गुड्स कैरियर) के फिटनेस सर्टिफिकेट फेल हैं। कुल 102 माल वाहक वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट फेल हैं। इनमें से 96 वाहन जमशेदपुर में रजिस्टर्ड हैं। जबकि 6 मालवाहक वाहन दूसरे राज्यों के हैं। इन 6 में से 5 पश्चिम बंगाल व एक ओडिशा का है। इसके अलावा 91 मैक्सी कैब (भाड़ा गाड़ी) के फिटनेस भी फेल हैं।
कभी भी बन सकते हैं बड़ी दुर्घटना का कारण : एमवीआई
एमवीआई अवधेश कुमार ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन खरीद के साथ 15 वर्ष वर्ष का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होता है। इसके बाद वाहन की स्थिति के अनुसार पांच वर्ष का फिटनेस सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। अगर वाहन का फिटनेस एक्सपायर हो चुका है तो उक्त वाहन की फिटनेस जांच कराना अनिवार्य है। अन्यथा उक्त वाहन बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
कितने व किस प्रकार के वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर
वाहन प्रकार - संख्या
गुड्स कैरियर - 102
मैक्सी कैब - 91