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1722 आंगनबाड़ी केंद्र हैं पूर्वी सिंहभूम जिले में, पर 429 में पानी नहीं, 478 में शौचालय की कमी

पूर्वी सिंहभूम जिले में धीरे-धीरे चल रहे सुधारों के बावजूद 1722 आंगनबाड़ी केंद्रों में संसाधनों की भारी कमी है। चाहे ग्रामीण इलाका हो या शहरी या अर्द्ध शहरी, स्थिति कमोवेश एक ही है। पांच साल तक के...

1722 आंगनबाड़ी केंद्र हैं पूर्वी सिंहभूम जिले में, पर  429 में पानी नहीं, 478 में शौचालय की कमी
हिन्दुस्तान टीम,जमशेदपुरMon, 23 Apr 2018 05:05 PM
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पूर्वी सिंहभूम जिले में धीरे-धीरे चल रहे सुधारों के बावजूद 1722 आंगनबाड़ी केंद्रों में संसाधनों की भारी कमी है। चाहे ग्रामीण इलाका हो या शहरी या अर्द्ध शहरी, स्थिति कमोवेश एक ही है। पांच साल तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलानेवाली माताओं को पूरक पोषाहार देकर स्वस्थ रखने वाले ये केंद्र आधारभूत संरचना के मामले में अभावों से जूझ रहे हैं।

समाज कल्याण विभाग की ओर से हालिया जारी रिपोर्ट अनुसार एक लाख 98 हजार से अधिक लाभुक जुड़े हैं आंगनबाड़ी केंद्रों से। इनमें शून्य से छह माह तक के बच्चों की माताएं, सात माह से तीन साल और तीन से छह साल के बच्चे, हजारों गर्भवती महिलाएं और दूध पिलाने माताएं शामिल हैं। मगर 429 केंद्रों में पानी की सुविधा नहीं है। यहां दूर से पानी लाकर काम किया जाता है। जाहिर है सेविका और सहायिका को भारी दिक्कत होती है। यही नहीं 478 केंद्रों में शौचालय भी नहीं है। इस कारण सेविका, सहायिका, वहां आने वाली लाभुक महिलाओं और बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

32 सेविका और 83 सहायिका के पद खाली : नियमत: हर केंद्र में एक सेविका और एक सहायिका की मौजूदगी जरूरी है। मगर जिले के 1722 आंगनबाड़ी केंद्रों में मात्र 1690 सेविका और 1639 ही सहायिका कार्यरत हैं। इस कारण 32 केंद्र सिर्फ सहायिका और 83 केंद्र सिर्फ सेविका के भरोसे चल रहे हैं। जहां तक भवनों की स्थिति की बात है, मनरेगा योजना से कुछ केंद्र बने हैं। मगर अभी भी 946 केन्द्रों का अपना भवन नहीं है। ये किराए के मकान में चल रहे हैं।

समस्याएं हैं मगर अस्थायी : जिला समाज कल्याण पदाधिकारी लक्ष्मी भारती का कहना है कि कुछ समस्या अस्थायी हैं। केन्द्रों में चापाकल हैं मगर खराब होने पर लंबे समय तक उसकी मरम्मत नहीं होने से पानी की दिक्कत होती है। मगर किराए के मकान में पानी और शौचालय की कमी का कोई मतलब नहीं है। उसे तो बदला जा सकता है। सेविका-सहायिका के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है।

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