
जमशेदपुर में डायरिया का कहर! मछली खाने के बाद 3 की मौत; 4 अस्पताल में भर्ती
संक्षेप: जमशेदपुर में डायरिया का आतंक फैला हुआ है। पटमदा प्रखंड की ओड़िया पंचायत के दांदूडीह गांव में डायरिया फैलने से पंद्रह दिन में 3 बुजुर्गों की मौत हो चुकी है और कुल 30 लोग बीमार हो गए। फिलहाल बंगाल के बारी अस्पताल में 2 और पटमदा में 2 मरीजों का इलाज चल रहा है।
जमशेदपुर में डायरिया का आतंक फैला हुआ है। पटमदा प्रखंड की ओड़िया पंचायत के दांदूडीह गांव में डायरिया फैलने से पंद्रह दिन में 3 बुजुर्गों की मौत हो चुकी है और कुल 30 लोग बीमार हो गए। फिलहाल बंगाल के बारी अस्पताल में 2 और पटमदा में 2 मरीजों का इलाज चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि खेतों की छोटी मछलियों को खाने से डायरिया फैला। रविवार सुबह गंभीर हालत में झामुमो के पंचायत सचिव महेंद्र महतो के पिता हिमांशु महतो व पत्नी नीलिमा महतो को माचा स्थित सीएचसी में भर्ती कराया गया।

पहली मौत शांति मुर्मू की घर में ही 26 सितंबर को हो गई। इसके बाद सावित्री देवी की 28 सितंबर को घर में ही मौत हो गई, जबकि 6 अक्तूबर को लॉबिंद्र महतो की जमशेदपुर के मर्सी अस्पताल में मौत हो गई। सूचना पाकर पहुंचे विधायक प्रतिनिधि चन्द्रशेखर टुडू ने चिकित्सकों से बात की एवं गांव में कैंप लगाने का अनुरोध किया। इस संबंध में महेंद्र महतो ने बताया कि गांव में करीब 15 दिन पहले कई परिवार के लोगों ने धान के खेतों से पकड़कर छोटी मछलियां लगातार कई दिन तक खाई थी। इसके बाद लोगों को उल्टी और दस्त होने लगी। कुछ लोगों ने ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज कराया और ठीक भी हो गए। लेकिन तीन बुजुर्गों में से शांति मुर्मू (65) एवं सावित्री महतो (62) की मौत पश्चिम बंगाल में इलाज के बाद घर में ही हो गई। गंभीर बीमारी से पीड़ित लॉबिंद्र महतो (67) की मौत मर्सी अस्पताल जमशेदपुर में इलाज के दौरान हुई।
गंभीर हालत में गांव के संजय महतो, बिनोद महतो समेत 4 लोगों को दो दिन पहले बंगाल के बारी अस्पताल में परिजनों ने भर्ती कराया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को दांदूडीह गांव में पटमदा सीएचसी की ओर से मेडिकल कैम्प लगाया गया था। कैम्प में चिकित्सक ने मरीजों की जांच कर दवाइयां दी थी। रविवार को भी टीम ने गांव में इलाज किया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है।





