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अगले आदेश तक सिविल कोर्ट में कार्य बंद, सिविल कोर्ट परिसर में प्रवेश निषेध

कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए लिया गया यह निर्णय प्रभारी प्रधान जिला जज ने जारी किया आवश्यक निर्देश हजारीबाग विधि प्रतिनिधि कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने 26...

अगले आदेश तक सिविल कोर्ट में कार्य बंद, सिविल कोर्ट परिसर में प्रवेश निषेध
हिन्दुस्तान टीम,हजारीबागFri, 27 Mar 2020 01:19 AM
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कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने 26 मार्च को आदेश जारी करते हुए हजारीबाग जिले समेत राज्य के सभी जिलों में अगले आदेश तक कोर्ट कार्य को रोक दिया है। वैसे अति आवश्यक मामले जिन्हें प्रधान जिला जज अपनी अनुमति देंगे उसे सुना जा सकेगा। इसके लिए प्रधान जिला जज, सिविल कोर्ट निबंधक और कोर्ट मैनेजर की ईमेल आईडी वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी। संबंधित मामले के अधिवक्ता सिर्फ अतिआवश्यक मामले की सुनवाई के लिए ई-मेल के माध्यम से उसे मेंशन कर सकेंगे। वहीं सिविल कोर्ट के अधिकतर कर्मचारी वर्क टू होम कार्य करेंगे। जरूरत पड़ने पर उन्हें कोर्ट बुलाया जा सकेगा।अतिआवश्यक मामलों की सुनवाई के लिए ग्यारह बजे से लेकर एक बजे तक समय निर्धारित की गई है। संबंधित अधिवक्ता को अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी संबंधित पदाधिकारी को उपलब्ध कराना होगा। जिसमें उन्हें वाद की सुनवाई की अगली तिथि भेजी जा सकेगी। यदि प्रधान जिला जज संबंधित मामले को आवश्यक समझेंगे तो उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या अन्य दूसरे तरीकों से उसकी सुनवाई निश्चित की जा सकेगी। इन्हीं माध्यमों से ही संबंधित कोर्ट के कर्मचारी को भी सुनवाई के लिए सूचना दी जा सकेगी। इस दौरान सिविल कोर्ट परिसर में प्रवेश पूरी तरह से बाधित होगा। इसके लिए सभी न्यायिक पदाधिकारियों व कर्मचारियों को अपने अपने मोबाइल नंबर ऑन रखने होंगे और उसे उपलब्ध भी कराना होगा।झारखंड उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद सिविल कोर्ट परिसर भी पूरी तरह से गुरुवार के बाद बंद हो गया और इसके साथ ही अब सिर्फ अतिआवश्यक कार्यों को छोड़कर सिविल कोर्ट के लगभग चार सौ कर्मचारी अपने अपने घरों में लॉकडाउन हो गए। इस आदेश की प्रति डीसी हजारीबाग, एसपी, जेल अधीक्षक, निबंधक सिविल कोर्ट, सचिव हजारीबाग बार संघ, जीपी व पीपी हजारीबाग और कोर्ट मेनेजर सिविल कोर्ट हजारीबाग को भी सूचित किया जा रहा है।

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