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मां तो चल बसी पिता के आने की राह ताकते पथराई आंखें

इचाक में मां तो चल बसी लेकिन पिता के आने की राह ताकते अर्जुन के बुजुर्ग पिता और दो बच्चों की आंखें पथरा गई है। कारीमाटी गांव के अर्जुन मेहता(45) कुछ माह पूर्व घर की माली हालत को देखते हुए रोजगार के...

मां तो चल बसी पिता के आने की राह ताकते पथराई आंखें
हिन्दुस्तान टीम,हजारीबागSat, 25 Apr 2020 06:53 PM
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इचाक में मां तो चल बसी लेकिन पिता के आने की राह ताकते अर्जुन के बुजुर्ग पिता और दो बच्चों की आंखें पथरा गई है। कारीमाटी गांव के अर्जुन मेहता(45) कुछ माह पूर्व घर की माली हालत को देखते हुए रोजगार के लिए महाराष्ट्र चले गए। लॉकडाउन और पैसे के अभाव में कैली (42) दवा नहीं खरीद पाई, जिस कारण उसकी मौत हो गई। उसकी मौत से अर्जुन के मानसिक रूप से दिव्यांग पुत्र शिवशंकर, पुत्री अंशु के सिर से मां के आंचल का छांव लूट गया। वहीं उसके बुजुर्ग पिता जानकी महतो(81) के बुढ़ापा का सहारा छिन गया। अर्जुन को पत्नी की मौत की खबर दी गई पर लॉकडाउन के कारण वह अपनी पत्नी को कंधा देने नहीं पहुंच सके। वह महाराष्ट्र के पुणे में रहकर लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं। पुत्री अंशु कुमारी रोते हुए बताया कि घर में खाने का अनाज नहीं है। ऊपर से मां का गुजर जाना और पिता का नजरों से दूर होने का गम खाए जा रहा है। वह फफक कर कहती है कि हमसे बड़ी चार बहने जिसकी शादी हो चुकी है हाल-चाल पूछ लेती हैं, इसी में दिन गुजर रहा है।

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