उर्दू सरकारी विद्यालय की जमीन को लिखित नहीं दिया, मीनार के पक्ष में लोगों ने दी दलील
इचाक के डुमरौन स्थित राजकीय कृत प्राथमिक उर्दू विद्यालय का मामला तूल पकड़ लिया है। रविवार को महापंचायत का आयोजन किया गया और दावे प्रतिदावे को लेकर...

इचाक, प्रतिनिधि
इचाक के डुमरौन स्थित राजकीय कृत प्राथमिक उर्दू विद्यालय का मामला तूल पकड़ लिया है। रविवार को महापंचायत का आयोजन किया गया और दावे प्रतिदावे को लेकर भी कई बातें हुई। इधर इंजीनियर अमन कुमार भी रविवार को पहुंचे। उनके साथ भाजपा नेता विशाल वाल्मीकि एवं राहुल वाल्मीकि आदि उपस्थित थे l मौके पर दोनों पक्षों की बात सुनी। मीनार पर अपनी पक्ष रखते हुए कुछ ज़मीन के काग़ज़ात दिखलाया गया। बताया गया कि हमारी निजी संपत्ति है यहां हम अपने सारे त्योहार एवं मरनी जीनी का कार्य करते है।
हमने यह प्रॉपर्टी सरकार को लिखित रूप में नहीं दिया है इसलिए यहां हम अपना धार्मिक कार्य करते रहेंगे। रविवार को सीओ रामजी प्रसाद ने स्कूल का निरीक्षण किया। पता चला कि 18 -19 जनवरी से निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तत्कालीन सीओ शताब्दी मजमूदार ने प्रभारी प्रधानाध्यापक का बयान कलमबद्ध किया था और एक जांच रिपोर्ट भी बनायी थी। राजकीय कृत प्राथमिक उर्दू विद्यालय डुमरौन की स्थापना जानकारी के अनुसार 1976 में हुई थी। वर्तमान समय में यहां 52 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते है। दर्जनों युवाओं ने निर्माण स्थल के समक्ष रविवार को सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया। धरना में शामिल लोगो ने अवैध निर्माण को तत्काल हटाने और प्रधानाध्यापक नौशाद आलम सीआरपी तथा एसएमसी अध्यक्ष के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए पद से हटाने की मांग किया है।
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