रामनवमी पर मंदिरों में पसरा रहा सन्नाटा
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर इस बार विपरीत परिस्थितियों में श्री राम जन्मोत्सव उल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया गया। लॉकडाउन के चलते मंदिरों के पट बंद रहे। लोगों ने घरों में ही रहकर प्रभु श्री राम का...
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर इस बार विपरीत परिस्थितियों में श्री राम जन्मोत्सव उल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया गया। लॉकडाउन के चलते मंदिरों के पट बंद रहे। लोगों ने घरों में ही रहकर प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव मनाया। घरों में ही पूजा-अर्चना की गई। गुरुवार को मध्याह्न काल चढ़ते ही घरों में घंटा, शंख की ध्वनि गूंजने लगी। धर्म प्रेमियों ने घर में ही पूजा अर्चना करते प्रभु श्री राम के जन्म उत्सव का स्वागत किया। घरों में श्रद्धा भक्ति के साथ भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त बजरंगबली की पूजा अर्चना की। इसके बाद अपने-अपने घरों में ध्वजारोहण किया। कई राम भक्तों ने इस मौके पर हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ किया और प्रभु श्री राम से प्रार्थना की कि यह मुश्किल का वक्त जल्दी निकल जाए। धर्म प्रेमियों ने बजरंगबली को प्रिय लड्डू की जगह घर में बने रोट चढ़ाया। नवरात्र की साधना करने वाले भक्तों ने सुबह महानवमी की पूजा अर्चना के बाद श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ किया, फिर हवन विसर्जन किया। माता को खीर पुड़ी का भोग लगाकर नवरात्र का पारण किया। शाम में धर्मप्रेमियों ने अपने अपने घरों में दीप जलाकर श्री राम जन्म उत्सव मनाया।ऐसा पहली बार हुआहजारीबाग में ऐसा पहली बार हुआ कि रामनवमी के मौके पर शोभा यात्रा व जुलूस नहीं निकाली गई। लॉकडाउन के कारण कई धर्मप्रेमियों ने नए बांस एवं महावीर पताका खरीद नहीं पाए। इस कारण बांस, महाबीर पताका, फल और मिठाई बेचने वाले की रोजी-रोटी पर आफत आ गई। कई घरों में नवरात्र के मौके पर दुर्गा पाठ स्थगित कर दी गई। लोगों ने खुद पूजा पाठ की। ब्राह्मणों और पुजारियों को घर बुलाने से परहेज करते रहे। धर्मप्रेमी मंदिरों में जाकर भगवान का दर्शन व पूजन तक नहीं कर पाए। कई साधकों ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते कन्या पूजन तक नहीं किया।