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साधु सीताराम बाबा का 133वां जन्मोत्सव धूमधाम से संपन्न

हजारीबाग जिले के कटकमसांडी प्रखंड अंतर्गत पूण्यभूमि बरगड्डा ग्राम में साधु सीताराम बाबा की जन्मस्थली स्मृति मंदिर में प्रत्येक वर्ष की भांति बुधवार को 133 वां जन्मोत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ। आनन्द...

साधु सीताराम बाबा का 133वां जन्मोत्सव धूमधाम से संपन्न
हिन्दुस्तान टीम,हजारीबागWed, 22 Nov 2017 07:41 PM
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हजारीबाग जिले के कटकमसांडी प्रखंड अंतर्गत पूण्यभूमि बरगड्डा ग्राम में साधु सीताराम बाबा की जन्मस्थली स्मृति मंदिर में प्रत्येक वर्ष की भांति बुधवार को 133 वां जन्मोत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ। आनन्द भवन आश्रम के स्वामी महिमा नंद सरस्वती ने 133 दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

हजारीबाग जिला के अलावा पश्चिम बंगाल के कोलकाता, आसनसोल, बर्दवान, बीरभूम सहित रांची, सरिया आदि जगह ोंसे आये सैंकडों भक्तों ने स्मृति मंदिर बरगड्डा पहुचकर अपने गुरुदेव के भक्ति का परिचय दिया ।

सुबह में मंगल आरती के बाद सभी भक्तों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गयी । प्रभात फेरी के बाद गांव के सभी लोगों ने मंदिर मंडप में जाकर पूजा अर्चना की। दोपहर बाद भंडारे में हजारों लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया ।

बाबा के शिष्यों द्वारा सरिया में भव्य मंदिर बनवाया गया। सरिया सहित बरगड्डा, ऋषिकेश व कोलकाता में आनंद भवन आश्रम का स्थापित किया गया। जहां प्रतिदिन सुबह शाम ससमय आरति के बाद भोग लगता है ।

कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यक्रम सफल बनाने में स्वामी महिमा नंद सरस्वती के अलावा अजीत सेन गुप्त, जीवन बनर्जी, कमल बनर्जी, गौतम बनर्जी, आचार्य अनिल सामंत, बिरेन बनर्जी, सांगनिक गुहा, सुब्रत बनर्जी, रूमा बनर्जी, सोनाली मुखर्जी, मोहित मुखर्जी, निलांजन चक्रवर्ती, मदनमोहन कुंडू, अपर्णा सरकार, रीना बनर्जी, बानेश्वर चक्रवर्ती, सुमित मुखर्जी, मोहित मुखर्जी सहित सथानीय कार्यकर्ताओं में के के सिंह, निरंजन यादव, जयशंकर मिश्र, उमाशंकर पा्नडेय, नंद किशोर। मिश्र, ऋतिक मिश्र, निशांत कुमार सिंह, संदीप साव, अशोक मिश्र, रामौतार सिंह, राजकुमार सिंह, मंजित सिंह, पंकज सिंह, विनय यादव, विक्रम यादव, रौनित, प्रशांत आदि दर्जनों सक्रिय थे ।

विलक्षण प्रतिभा के धनी थे साधु सीताराम बाबा

साधु सीताराम बाबा का जन्म सन् 1883 में बरगड्डा ग्राम में हुआ था। साधारण परिवार में बाबा का जन्म हुआ । चेचक के प्रकोप से उनके आंख की ज्योति छीन गई । तीन माह के उम्र में माता नंदा देवी का निधन हो गया। पिता का साया भी तीन वर्ष की उम्र में छिन गया। तत्पश्चात उनका लालन पालन हजारीबाग के अधिवक्ता गिरीन गुप्त पगमिल हाऊस में हुआ। बाल्यकाल से ही मां काली के भजन में लीन रहते थे। आंख से न देखने के बावजूद किसी भी वाद्ययंत्रों को सहज ही बजा लेते थे । सभी तीर्थों के भ्रमणकाल में इनके सैंकड़ों शिष्य हुए। शिष्यों के सहयोग से साधु सीताराम बाबा ने सन् 1930 में हजारीबाग स्टेशन के समीप सरिया में आनंद भवन आश्रम की स्थापना कर काली व राधा कृष्ण के मंदिर की स्थापना की। आश्रम को दो वर्षों में स्थापित कर 1932 में समाधि ले ली।

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