रजिस्टर टू की चोरी ताला तोड़कर नहीं खोलकर की गयी है
अंचल के तहसील कचहरी से पंजी टू की चोरी की घटना को अंजाम देने वाले चोरों को पकड़ने को लेकर पुलिस लगातर छापामारी कर रही है। बावजूद इसके घटना के सात दिन बाद भी पुलिस चोरों तक नहीं पहुंच पाई है। जिस कारण...
अंचल के तहसील कचहरी से पंजी टू की चोरी की घटना को अंजाम देने वाले चोरों को पकड़ने को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। बावजूद इसके घटना के सात दिन बाद भी पुलिस चोरों तक नहीं पहुंच पाई है। जिस कारण यह मामला पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। मामले का उद्भेदन नहीं होने से लोग तरह तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। मामले को लकर संबंधित हलकों के रैयत आंदोलन का मूड बना रहे हैं। लोगों का कहना है कि सात दिन बीतने के बाद भी चोरों का सुराग नहीं लगना चिंतनीय है। वहीं तहसील कचहरी के दस दस तालों को खोलकर पंजी टू को चुरा ले जाना अंचल कर्मियों की गतिविधि पर संदेह करने को विवश करता है। रैयतों का मानना है कि कोई चोर एक दो ताले की चाभी का डूप्लीकेट कर सकता है, दस-दस तालों के नहीं। ऐसे में सवाल उठता है कि चोरों ने अंदर के आठ सात तालों की चाभी कहां से लायी।
यदि ताला तोड़ा या काटा गया होता तो बक्से और दरवाजे में निशान या काट छंट के निशान जरूर होता। पुलिसिया जांच में भी यह बात खुलकर सामने आया कि चोरों ने घटना का अंजाम ताला तोड़कर नहीं बल्कि ताला को खोलकर दिया है। यही वजह है कि साक्ष्य मिटाने के मकसद से चोर सभी ताले और चाभी को साथ ले गए। जिस कारण पुलिस को जांच में कुछ भी हाथ नहीं लगा। आम चर्चा है कि 23 मई की रात हुई 33 पंजी टू की चोरी के बाद पुलिस और अंचल सतर्क होता तो तीन अगस्त की रात दूसरी घटना नहीं घटती। चोरों ने उन्ही हलकों के पंजी टू को छांट छांटकर ले गए जिस एरिया के जमीन की कीमत अधिक है। यही कारण है कि बरका कला, बरका खुर्द, दरिया, दारहा, देवकुली और दड़ीघाघर पंचायत के पंजी को टच नहीं किया। बता दें कि इचाक मोड़ से बरकट्ठा रोड का चौड़ीकरण की स्वीकृति मिल चुकी है जिसे ध्यान में रखकर चोरों ने पंजी टू गायब कर लोगों को बरगलाने में लगे हैं। इसके पीछे अंचल कर्मियों के हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता।