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मुबई में फंसे हैं एक लाख 58 हज़ार मजदूर, भुखमरी की नौबत

मुंबई में एक लाख 58 हजार 980 झारखंड के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति है। इसकी सूची राज्य सरकार को भी उपलब्ध करा दी गयी लेकिन अबतक उन्हें ना तो कोई सरकारी मदद मिल रही है और...

मुबई में फंसे हैं एक लाख 58 हज़ार मजदूर, भुखमरी की नौबत
हिन्दुस्तान टीम,हजारीबागWed, 15 Apr 2020 01:30 AM
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मुंबई में एक लाख 58 हजार 980 झारखंड के मजदूर फंसे हुए हैं। उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति है। इसकी सूची राज्य सरकार को भी उपलब्ध करा दी गयी लेकिन अबतक उन्हें ना तो कोई सरकारी मदद मिल रही है और ना ही कोई उनकी सुध ले रहा है। यह कहना है झारखंड फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोरी राणा का। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर सरकार गंभीर नहीं है, अभी तक उन्हें कोई भी सरकारी मदद नहीं पहुंची है। मदद के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जा रही है। राज्य से बाहर फंसे प्रवासी झारखंडियों को मदद देने के नाम पर राज्य सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार मदद के नाम पर प्रवासी झारखंडियों को सिर्फ दिलाशा दे रही है ।नोडल पदाधिकारियों तक नहीं पहुंची है मदद की राशिप्रवासी झारखंडियों की मदद के लिए सरकार ने नोडल पदाधिकारियों की एक टीम बनाई और इन्हें अलग अलग राज्यों का प्रभारी नियुक्त किया गया, शुरुआती दिनों में नोडल पदाधिकारियों में से अस्सी प्रतिशत का मोबाइल बंद थे, दस प्रतिशत में इंकमनिंग कॉल की सुविधा नहीं थी और दस प्रतिशत पदाधिकारी फोन रिसीव ही नहीं करते थे। राणा ने बताया कि पांच दिन पहले जब हमारी बात महाराष्ट्र के प्रभारी अमरेन्द्र प्रताप सिंह से हुई और मैंने जब उनसे लोगों की मदद के लिए आग्रह किया तो उन्होंने बताया कि हमें सरकार की तरफ से कोई संसाधन सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है कि जिससे हम लोगों का मदद कर सकें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 10 अप्रैल को राज्य के सांसदों और विधायकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रवासी झारखंडियों को आर्थिक मदद देने की बात पर सहमति बनी थी । बैठक में कहा गया था कि जल्द ही राज्य से बाहर फंसे मजदूरों को सरकार डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक एकाउंट मे सहयोग राशि उपलब्ध कराएगी लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिल पायी है। उन्होंने कहा उनकी मदद के लिए सभी दल के नेताओं को आगे आना चाहिए।

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