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जीवन बीमा राष्ट्रीयकरण दिवस को पब्लिक सेक्टर बचाओ एलआईसी को मजबूत करो दिवस के रुप में मनाया

भारतीय जीवन बीमा निगम राष्ट्रीयकरण दिवस को अधिकारियों और कर्मचारियों के संगठन ने बुधवार को पब्लिक सेक्टर बचाओ एलआईसी को मजबूत करो दिवस के रुप में...

जीवन बीमा राष्ट्रीयकरण दिवस को पब्लिक सेक्टर बचाओ एलआईसी को मजबूत करो दिवस के रुप में मनाया
हिन्दुस्तान टीम,हजारीबागWed, 19 Jan 2022 05:30 PM
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हजारीबाग हमारे प्रतिनिधि

भारतीय जीवन बीमा निगम राष्ट्रीयकरण दिवस को अधिकारियों और कर्मचारियों के संगठन ने बुधवार को पब्लिक सेक्टर बचाओ एलआईसी को मजबूत करो दिवस के रुप में मनाया। इसमें भारतीय जीवन बीमा निगम में गठित संयुक्त मंच जिसमें क्लास वन अधिकारियों के संगठन, विकास अधिकारियों का संगठन और क्लास तीन और चार कर्मचारियों के संगठन शामिल हुए। इसमें बीमा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र किशोर प्रसाद, महामंत्री जगदीश चंद्र मित्तल, एनएफ आइएफडब्लुआई के डिविजनल प्रेसिडेंट संजय कुमार, फेडरेशन के महामंत्री आलोक वर्मा ने एलआईसी में आईपीओ का विरोध करते मांग की कि देश हित में भारत सरकार इस गलत निर्णय को तुरंत वापस करें। आईपीओ दुर्भाग्यपूर्ण और बिल्कुल अनावश्यक है। एलआईसी को विनिवेशित करते हुए अलोकतांत्रिक तरीके से बदलाव कर एलआईसी का आईपीओ देश के शेयर बाजार के माध्यम से लाने का कार्य कर रही है। यह कार्य सरकार अपने बजट के खर्चों को पूरा करने जा रही है। सरकार का यह कृत्य एलआईसी की स्थापना के मूल उद्देश्य मूल्यों एवं भावना के विपरीत है। यह देश की अर्थव्यवस्था और आर्थिक संप्रभुता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। आम लोगों के हित के खिलाफ हैं। ऐसी मौलिक संस्था को नोचने और लूटने के लिए यह आईपीओ है। यह न सिर्फ देश की औद्योगिक घराने, बल्कि विदेशी पूंजीपतियों को भी इसके माध्यम से निर्मित स्वदेशी संस्था को लूटने के लिए लाइसेंस देने का कार्य है। सरकार यह झूठा भ्रम फैला रही है कि आईपीओ के माध्यम से आम जनों के एलआईसी के प्रॉफिट में सहभागिता का अवसर मिलेगा। आईपीओ देश के लोगों के साथ एक धोखा है। भोकल फोर लोकल एवं आत्मनिर्भर भारत जैसे श्लोगनो का भद्धा मजाक है। बीमा कर्मचारी और अधिकारी संघ ने देश की जनता के नाम अपील करते कहा कि वे एलआईसी के आईपीओ का विरोध करे। यह देश हित में नहीं है। अधिकारी और कर्मचारी भी एलआईसी का शेयर बाजार में उतारने के सरकार का निर्णय का विरोध कर रहे हैं।

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