जलौंध गांव में महिलाओं ने तालाब में मछली डालकर जमाया कब्जा
जलौंध गांव के ग्रामीणों ने गांव के नावा, चमही और महुआ आहार पर मालिकाना हक को लेकर गुरुवार को धावा बोला। समूह से जुड़ी दर्जनों महिलाओं और पुरुष ने गांव के जमींदार के संबंधियों के नाम वर्षो से चली आ रही...
जलौंध गांव के ग्रामीणों ने गांव के नावा, चमही और महुआ आहार पर मालिकाना हक को लेकर गुरुवार को धावा बोला। समूह से जुड़ी दर्जनों महिलाओं और पुरुष ने गांव के जमींदार के संबंधियों के नाम वर्षो से चली आ रही जमाबंदी को अबैध बताते हुए यह कदम उठाया। इससे पूर्व 2006 में ग्रामीणों ने जिले के अपर समाहर्ता को आवेदन देकर जमाबंदी रद्द कर तीनों तालाब को सार्वजनिक घोषित करने की मांग की थी। जिस पर अधिकारी ने करवाई करते हुए इचाक सीओ से आवश्यक करवाई करने का आदेश दिया था। विभागीय कार्रवाई में देर होते देख ग्रामीणों ने मिलकर तीनो तालाब में सार्वजनिक तौर पर मछली डालकर तालाब पर कब्जा जमा लिया। गांव के उपमुखिया वंशी महतो, गणेश गुप्ता ,अशोक मेहता आदि ने बताया कि तालाब पूर्णत गैरमजरूआ और सार्वजनिक है। जिस पर व्यक्ति विशेष का कब्जा वर्षो से चला आ रहा था।पी 5 नावा आहार में मछही डालती महिलाएं