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दर्शन मात्र से भक्तों की झोली भरती हैं इचाक की माता चंपेश्वरी

दर्शन मात्र से भक्तों की झोली भरती हैं इचाक की माता चंपेश्वरी। इचाक प्रखंड एनएच 33 मोड से पश्चिम नावाडीह पंचायत स्थित बरसों पुराना माता चंपेश्वरी का...

दर्शन मात्र से भक्तों की झोली भरती हैं इचाक की माता चंपेश्वरी
हिन्दुस्तान टीम,हजारीबागTue, 27 Sep 2022 03:51 PM
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हजारीबाग। दर्शन मात्र से भक्तों की झोली भरती हैं इचाक की माता चंपेश्वरी। इचाक प्रखंड एनएच 33 मोड से पश्चिम नावाडीह पंचायत स्थित बरसों पुराना माता चंपेश्वरी का मंदिर है। इस मंदिर में माता सबकी मनोकामना पूरी करती हैं और यही कारण है कि यहां भक्त दर्शन को जरूर पहुंचते हैं। दुर्गा पूजा में यहां माता के दर्शन करने दूरदराज क्षेत्र के लोग आते हैं और माता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। चैत्र और आश्विन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां मनोकामना कलश भी रखते हैं। चंपेश्वरी माता से जुड़े भक्त भास्कर उपाध्याय, घनश्याम उपाध्याय, अर्जुन गोप, बसंत राम बताते हैं कि हजारों वर्ष पुराना इस मंदिर का इतिहास है। माता की उत्पत्ति अपने आप हुई थी। सबसे हैरानी की बात है कि मंदिर के सामने एक बड़ा नीम का पेड़ है जिस पर करीब एक हजार से अधिक कबूतर दिन-रात रहते हैं। जबकि लोगों के अनुसार कबूतर रात में किसी पेड़ पर नहीं बल्कि किसी के घर में रहते हैं। परंतु माता के मंदिर के सामने का पेड़ उनके लिए 24 घंटे का आशियाना बना हुआ है । जिस जगह माता चंपेश्वरी की मंदिर है वहां पहले जंगल था। इसी कारण पहले यहां पर कम लोग आते थे । लेकिन धीरे-धीरे यह मंदिर आस्था का केंद्र बन गया है। कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त माथा टेकते हैं उनकी मुराद पूरी होती है। अभी इस स्थान पर भव्य और आकर्षक मंदिर बना हुआ है। जहां प्रतिदिन माता के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। माता के पहली बार दर्शन करने पहुंचे डीसी मनीष रंजन ने मंदिर तक रास्ता बनाने का निर्णय लिया और आरईओ विभाग को आदेश देते हुए तुरंत सड़क बनवाया। जिसके बाद से आने वाले भक्तों को माता के दर्शन में आवागमन को लेकर कोई परेशानी नहीं होने लगी। यहां प्रसाद के रूप में अरवा चावल और गुड़ मुख्य है। माता के मंदिर में इन दिनों नवरात्र चल रहा है। यहां के आचार्य रोहित पांडेय और जजमान के रूप में राजकुमार पांडेय, मुकेश पांडेय बैठे हैं। जहां सुबह शाम भक्तों की भीड़ जमी रहती है और यहां पर नित्य दिन भक्ति जागरण और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है।

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