टाटीझरिया और बरही प्रखंड में लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का हुआ शुभारंभ
हजारीबाग जिले में लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 से 25 अगस्त 2024 तक एमडीए-आईडीए कार्यक्रम आयोजित होगा। टाटीझरिया और बरही प्रखंड में अभियान का शुभारंभ किया गया। फाइलेरिया से पीड़ित और आमजनों को...
हजारीबाग। उपायुक्त नैंसी सहाय के निर्देश पर पूरे जिले में लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर 10 से 25 अगस्त 2024 तक एमडीए- आईडीए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को टाटीझरिया प्रखण्ड और बरही प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एमडीए - आइवीए अभियान का शुभारंभ किया गया। अभियान का शुभारंभ टाटीझरिया व बरही में बीडीओ, मुखिया, स्वास्थ्य केंद्र एवं प्रखण्ड कर्मी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने दीपप्रज्वलित कर किया। अभियान के दौरान दोनों प्रखण्ड के विभिन्न केंद्रों में फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्ति व आमजनों को फाइलेरिया रोधी दवा आइवरमेक्टिन, डी.ई.सी. एवं एल्बेंडाजोल की एकल खुराक का सार्वजनिक सेवन कराया गया। बता दें कि उक्त कार्यक्रम के तहत लक्षित आबादी को 2 वर्ष से ऊपर के बच्चों से लेकर सभी उम्र के व्यक्तियों को यह दवा खिलाया जाना है।
कोई भी घर फाइलेरिया रोधी दवा की सेवन से ना रहे वंचित: प्रेरणा दीक्षित, डीडीसी
हजारीबाग। वरीय संवाददाता
उपायुक्त नैंसी सहाय के निर्देशानुसार राष्ट्रीय फाइलेरिया विलोपन कार्यक्रम के अन्तर्गत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन 2024 के सफल क्रियान्वयन हेतु शनिवार को सदर अस्पताल के ओपीडी परिसर में फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रेरणा दीक्षित, सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह सहित अन्य लोगों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उप विकास आयुक्त ने हजारीबाग जिले के सभी स्वास्थ्य कर्मियों विशेषकर सहिया, सहिया साथी, ए.एन.एम. एवं अन्य कर्मियों को पूरे लगन से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्रों में कोई भी घर दवा सेवन से वंचित न रहे, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सिविल सर्जन डॉ. सरयु प्रसाद सिंह ने बताया कि विश्व में दूसरा सबसे बड़ा विकलांगता का कारण फाइलेरिया बीमारी है। इस वर्ष मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए-आईडीए) 10 से 25 अगस्त तक आयोजित है जिसमें हजारीबाग जिलान्तर्गत सभी लक्षित आबादी को फाइलेरिया रोधी दवा आइवरमेक्टिन, डी.इ.सी, और एल्बेंडाजोल की एकल खुराक का सार्वजनिक सेवन कराया जाएगा। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवा नहीं देना है। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है। साथ ही पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आइवरमेक्टिन दवा का सेवन नहीं कराया जाएगा। मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह, अधीक्षक, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. एस. के. कांत क्षेत्रीय मलेरिया पदाधिकारी, उ.छो. प्रमण्डल, हजारीबाग, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला भी.बी.डी. पदाधिकारी, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी, राज्य मुख्यालय से विशेष आमंत्रित सज्ञा सिंह एवं जिला के विभिन्न डेवलप्मेन्ट पार्टनर के जिला प्रतिनिधि एवं कार्यालय के सभी कर्मी उपस्थित थे।
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