मत्स्य पालन के साथ-साथ मखाना, पानी सिंघाड़ा, मोती की खेती होगी : एन एच त्रिवेदी
हजारीबाग में तीन दिवसीय मल्टी टॉपिक एग्रीकल्चर फार्मिंग मॉडल (आइएमटीए) कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रेम कुमार और विभागीय निदेशक डॉ. एच. एन. त्रिवेदी ने प्रशिक्षण दिया।...
हजारीबाग। हजारीबाग मत्स्य विभाग में शनिवार को तीन दिवसीय मल्टी टॉपिक एग्रीकल्चर फार्मिंग मॉडल (आइएमटीए) कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर प्रेम कुमार, विभागीय निदेशक एन एच त्रिवेदी, मत्स्य पदाधिकारी व अन्य संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में आइएमटीए फार्मिंग को लेकर एक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यशाला में जिले के विभिन्न प्रखंड से आए कृषकों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। कार्यशाला में उपस्थित कृषकों को कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रेम कुमार और विभागीय निदेशक डॉ. एच. एन. त्रिवेदी ने प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर वैज्ञानिक डॉ. प्रेम कुमार (नेशनल फिसरी इंस्टीट्यूट एजुकेशन, मुंबई) ने बताया कि आइएमटीए, यह मत्स्य पालन की एक नवीनतम प्रणाली है, यह प्रणाली मत्स्य पालन करने वाले कृषकों के लिए काफी हितकारी साबित होने जा रहा है। व्यवसाय की दृष्टिकोण से यह प्रणाली काफी उन्नत होगी। इस प्रणाली से कृषकों को पूर्ण की भांति भिन्न प्रक्रिया से मत्स्य पालन करना होगा। उन्होंने कार्यशाला में बताया कि इस प्रक्रिया की पहला प्रयोग जिले के कटकमसांडी निवासी राजेंद्र रविदास के तालाब में किया जाएगा, तत्पश्चात इस प्रणाली का दायरा बढ़ाया जाएगा।
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